नवदीप सिंह: पैरालंपिक्स के हीरो




न्यूज़ीलैंड के ऑकलैंड में नवदीप सिंह ने पैरालंपिक गेम्स में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता है। वह कम उम्र में ही वे खेलों में रुचि रखते थे, लेकिन जब उन्होंने भाला फेंकना शुरू किया, तो उनकी वास्तविक प्रतिभा सामने आई। नवदीप सिंह ने अपने जीवन में कई संघर्षों का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी आशा और दृढ़ संकल्प नहीं खोया। उनके इस प्रयास ने अंततः उन्हें इस महान उपलब्धि तक पहुंचाया।
नवदीप सिंह का जन्म 11 नवंबर 2000 को हरियाणा के सोनीपत जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था। बचपन से ही उन्हें खेलों में गहरी रुचि थी जिसके कारण वे 10 वर्ष की उम्र में अपनी एथलेटिक यात्रा शुरू की। शुरुआत में, उन्होंने कुश्ती और स्प्रिंटिंग में भाग लिया, लेकिन भाला फेंकने में उनकी वास्तविक प्रतिभा दिखाई दी।
जैसे-जैसे नवदीप सिंह बड़े होते गए, उन्होंने अपनी प्रतिभा को और परिष्कृत किया और जल्द ही राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने लगे। उनके अथक प्रयास और दृढ़ संकल्प ने उन्हें 2021 में दुबई में आयोजित विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कांस्य पदक दिलाया। यह उनकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहली बड़ी सफलता थी।
नवदीप सिंह की सफलता की कहानी केवल उनकी व्यक्तिगत यात्रा से परे है। उन्होंने पूरे भारत को प्रेरित किया है, यह साबित करते हुए कि विकलांगता सीमा नहीं है। उनका स्वर्ण पदक भारतीय पैरालंपिक इतिहास के सबसे यादगार क्षणों में से एक रहेगा, जो आने वाली पीढ़ियों के एथलीटों को प्रेरित करता रहेगा।