नवीन पटनायक: ओडिशा का कद्दावर नेता
ओडिशा की राजनीति का पर्यायवाची और राज्य के विकास का सूत्रधार, नवीन पटनायक एक ऐसे राजनेता हैं जिन्होंने तीन दशकों से अधिक समय से राज्य को आकार दिया है। उनके नेतृत्व में, ओडिशा गरीबी और पिछड़ेपन के दलदल से उभरकर एक प्रगतिशील और समृद्ध राज्य के रूप में उभरा है।
प्रारंभिक जीवन और राजनीतिक यात्रा:
16 अक्टूबर, 1946 को जन्मे नवीन पटनायक, पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक के सबसे छोटे पुत्र हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की और फिर राजनीति में प्रवेश करने से पहले पत्रकार के रूप में काम किया। 1997 में, वह अपने पिता के राजनीतिक दल, बीजू जनता दल (BJD) में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री के रूप में शासन:
2000 में, तब 54 वर्षीय नवीन पटनायक ने ओडिशा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। तब से, उन्होंने लगातार पाँच कार्यकाल तक राज्य का नेतृत्व किया है, जिससे वह भारत के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्रियों में से एक बन गए हैं।
विकास और परिवर्तन:
नवीन पटनायक के शासन काल को ओडिशा में परिवर्तन और विकास के युग के रूप में चिह्नित किया गया है। उन्होंने राज्य के बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और उद्योग को बदल दिया है। उनके नेतृत्व में, ओडिशा कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों का विजेता रहा है, जिसमें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य और भारत में सबसे तेजी से बढ़ता राज्य भी शामिल है।
प्रमुख पहल:
नवीन पटनायक की कुछ प्रमुख पहलों में शामिल हैं:
* राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम: इस अधिनियम ने राज्य के 95% से अधिक लोगों को सब्सिडी वाले अनाज तक पहुंच प्रदान की।
* मिशन शक्ति: इस पहल ने महिला सशक्तिकरण के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिसमें स्व-सहायता समूहों और वित्तीय साक्षरता शामिल है।
* मेक इन ओडिशा: यह पहल राज्य में विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन की गई है।
* स्मार्ट सिटी मिशन: नवीन पटनायक ने ओडिशा में तीन स्मार्ट शहरों, भुवनेश्वर, कटक और बेरहामपुर के विकास की देखरेख की है।
व्यक्तिगत विशेषताएं:
नवीन पटनायक एक निजी और संयमित व्यक्ति हैं। उन्हें अपने सरल स्वभाव और सामान्य लोगों को समझने की क्षमता के लिए जाना जाता है। वह एक कुशल प्रशासक भी हैं और शासन में उनकी आंखों की तारीफ की जाती है।
विरासत:
ओडिशा में नवीन पटनायक की विरासत एक प्रगतिशील और समृद्ध राज्य के निर्माण की है। उनके नेतृत्व में, ओडिशा गरीबी और पिछड़ेपन से ऊपर उठा है और राष्ट्रीय मानचित्र पर अपनी पहचान बनाई है। वह ओडिशा के लोगों के लिए एक प्रेरणा और गर्व का विषय बने हुए हैं।