देश का सबसे पुराना राजनीतिक दल, नैशनल कॉन्फ्रेंस, जम्मू और कश्मीर की राजनीति में एक प्रमुख शक्ति रहा है। 1932 में शेख अब्दुल्ला द्वारा स्थापित, पार्टी ने राज्य के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रमुख व्यक्तित्व:राजनीतिक विचारधारा:
इतिहास और उपलब्धियां:
नैशनल कॉन्फ्रेंस ने जम्मू और कश्मीर के राजनीतिक परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 1947 में भारत के विभाजन के बाद, पार्टी ने राज्य को भारत में शामिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पार्टी ने राज्य में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में कई सुधार भी किए हैं।
हाल के वर्षों में, नैशनल कॉन्फ्रेंस को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। पार्टी को अपनी कुछ पारंपरिक सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है और कई प्रमुख सदस्य अन्य दलों में शामिल हो गए हैं। हालाँकि, पार्टी अभी भी राज्य की एक प्रमुख राजनीतिक शक्ति बनी हुई है।
भविष्य:
नैशनल कॉन्फ्रेंस का भविष्य अनिश्चित है। पार्टी को अपनी चुनौतियों का सामना करने और राज्य की राजनीति में अपनी प्रमुख स्थिति बनाए रखने की जरूरत है। पार्टी को राज्य की युवा पीढ़ी से भी जुड़ने की जरूरत है जो राज्य की राजनीति में बदलाव की मांग कर रही है।
समग्र रूप से, नैशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू और कश्मीर की राजनीति में एक प्रमुख शक्ति रही है और राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पार्टी का भविष्य अनिश्चित है, लेकिन यह राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनी रहने की संभावना है।