निषाद कुमार: एक असाधारण प्रतिभा से एक प्रेरणादायक यात्रा




मेरे बचपन का एक खूबसूरत सा पल मुझे अभी भी याद है जब मैं अपने छोटे से गाँव के मंदिर के मैदान में क्रिकेट खेल रहा था। मैं बल्लेबाजी कर रहा था और मेरा दोस्त गेंदबाजी कर रहा था। जैसे ही मैंने गेंद पर जोरदार प्रहार किया, वह हवा में ऊँची उड़ी और मैदान के दूसरी ओर जा गिरी। उस पल, मुझे एहसास हुआ कि क्रिकेट मेरे जीवन का अभिन्न अंग बनने जा रहा है।
जैसे-जैसे मैं बड़ा हुआ, क्रिकेट के प्रति मेरा जुनून और बढ़ता गया। मैं घंटों अभ्यास करता, मैच खेलता और अपने कौशल को निखारता। मेरे माता-पिता हमेशा मेरे सबसे बड़े समर्थक रहे हैं, उन्होंने मुझे हर कदम पर प्रोत्साहित किया। उनके अटूट विश्वास ने मुझे कठिन समय में भी अपना सर्वश्रेष्ठ देने की प्रेरणा दी।
स्कूल में, मैं खेल टीम का कप्तान था और कई स्थानीय टूर्नामेंट जीते। मेरे दोस्त और सहपाठी मुझे "निशाद द हिटमैन" कहते थे, क्योंकि मैं गेंद को बहुत दूर तक मारने के लिए जाना जाता था। उन पलों ने मुझे अपने सपने के करीब ला दिया - एक पेशेवर क्रिकेटर बनने का सपना।
हालाँकि, मेरी यात्रा चुनौतियों से भरी रही। मेरे छोटे से गाँव में, खेल के लिए उचित प्रशिक्षण सुविधाओं का अभाव था। मैं अक्सर आर्थिक बाधाओं का भी सामना करता था, लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी। मैंने दृढ़ संकल्प के साथ अभ्यास जारी रखा और अपनी सीमाओं को आगे बढ़ाया।
एक दिन, मैं एक जिला स्तरीय क्रिकेट टूर्नामेंट खेल रहा था जब मुझे एक प्रसिद्ध क्रिकेट कोच की नज़र आ गई। वह मेरी बल्लेबाजी कौशल से बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने मुझे अपनी अकादमी में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। यह मेरे जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
अकादमी में, मुझे विश्व स्तरीय कोचिंग मिली और मैंने अन्य प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के साथ प्रशिक्षण लिया। मेरा खेल तेजी से विकसित हुआ और मुझे जल्द ही राज्य स्तरीय टूर्नामेंट में खेलने का मौका मिला। मेरे प्रदर्शन को देखने के बाद, मुझे राष्ट्रीय अंडर-19 टीम के लिए चुना गया।
राष्ट्रीय जर्सी पहनना एक गर्व का पल था। मैंने भारत का प्रतिनिधित्व किया और कई अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। उन अनुभवों ने मुझे एक खिलाड़ी और एक व्यक्ति के रूप में बहुत कुछ सिखाया।
पिछले कुछ वर्षों में, मैं इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) सहित विभिन्न पेशेवर क्रिकेट लीग में खेल चुका हूं। मैं भाग्यशाली हूं कि मैं महान खिलाड़ियों के साथ खेलने और उनसे सीखने का अवसर मिला है। हर मैच मेरे कौशल और आत्मविश्वास को बढ़ाने का एक अवसर रहा है।
मेरी यात्रा उतार-चढ़ाव से भरी रही है, लेकिन मैंने कभी भी अपने सपनों का पीछा करना नहीं छोड़ा। मैंने सीखा है कि बाधाएँ अस्थायी हैं और यदि हम दृढ़ रहें और मेहनत करते रहें, तो हम कुछ भी हासिल कर सकते हैं।
मैं आज जहाँ हूँ, वहाँ मेरे माता-पिता, कोचों, दोस्तों और प्रशंसकों के समर्थन के बिना नहीं पहुँचता। मैं उन सभी का आभारी हूं जिन्होंने मुझे इस सफर में साथ दिया है।
क्रिकेट से परे, मैं एक साधारण व्यक्ति हूं जिसे अपनी संस्कृति, अपने लोगों और अपने देश से गहरा लगाव है। मुझे लगता है कि खेल केवल एक खेल नहीं है, यह एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिए हम एकता, अनुशासन और उत्कृष्टता को बढ़ावा दे सकते हैं।
मैं नौजवानों को प्रोत्साहित करना चाहता हूं कि वे अपने सपनों का पीछा करें, चाहे कितनी भी चुनौतियां क्यों न आएं। याद रखें, बाधाएँ आपको परिभाषित नहीं करती हैं, वे आपको आकार देती हैं। दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास के साथ, आप अपने सपनों को साकार कर सकते हैं और अपनी विशिष्ट पहचान बना सकते हैं।