आज, हम एक ऐसे नाम की कहानी साझा करते हैं जिसने इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक अविश्वसनीय विरासत का निर्माण किया है - पटेल इंजीनियरिंग।
यह सब उन दिनों में शुरू हुआ जब भारत अपनी आजादी के लिए संघर्ष कर रहा था। एक दूरदर्शी युवा इंजीनियर, स्वर्गीय श्री चंदुलाल पटेल, अपने देश की सेवा करने के जुनून से प्रेरित थे। उन्होंने वर्ष 1947 में एक छोटे से गैरेज में पटेल इंजीनियरिंग की स्थापना की।
शुरुआत में, कंपनी ने कृषि उपकरणों और छोटे मशीनरी की मरम्मत पर ध्यान केंद्रित किया। हालांकि, श्री पटेल के नवाचार और उद्यमशीलता की भावना ने जल्द ही उन्हें नए क्षेत्रों में विस्तार करने के लिए प्रेरित किया।
वर्षों से, पटेल इंजीनियरिंग ने विनिर्माण, निर्माण, और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में ख्याति अर्जित की है। कंपनी ने देश के कुछ सबसे प्रतिष्ठित बांधों, पुलों और इमारतों के निर्माण में योगदान दिया है।
एक निरंतर विरासतश्री पटेल की विरासत आज भी जीवंत है। उनके बेटों और पोते-पोतियों ने पारिवारिक व्यवसाय को संभाला है और कंपनी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
पटेल इंजीनियरिंग की कहानी केवल एक कंपनी की सफलता की कहानी नहीं है। यह एक ऐसे परिवार की विरासत है जिसने इंजीनियरिंग को एक पेशे से बढ़कर बनाया है - यह उनकी पहचान का एक अभिन्न अंग है।
आज, पटेल इंजीनियरिंग भारतीय इंजीनियरिंग उद्योग में एक उज्ज्वल सितारा बनी हुई है। इसकी मजबूत नींव, इनोवेटिव स्पिरिट और सामाजिक प्रतिबद्धता इसे आने वाले कई वर्षों तक सफलता की राह पर ले जाएगी।
"इंजीनियरिंग समाज को बेहतर बनाने और जीवन को बदलने के बारे में है।" - स्वर्गीय श्री चंदुलाल पटेल