प्राकृतिक धुआंकरण



प्राकृतिक धुआंकरण

मानसून और आगामी सर्दियों के लिए जरूरी जानकारी

बाजार में उपलब्ध कीटनाशकों और धुएँ से होने वाले नुकसान से आप वाकिफ़ हैं ना? इनसे आपकी सेहत को भी नुकसान पहुँचता है और पर्यावरण भी खराब होता है। तो क्या इसका कोई विकल्प नहीं है? बिल्कुल है, और वह है प्राकृतिक धुआँकरण (नेचुरल फ्यूमिगेशन)।

प्राकृतिक धुआंकरण क्या है?

प्राकृतिक धुआँकरण एक प्राचीन तकनीक है जिसमें पौधों और जड़ी-बूटियों को जलाकर धुआँ उत्पन्न किया जाता है। इस धुएँ में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण होते हैं, जो घर के कीटाणुओं और कीट-पतंगों को मारने में मदद करते हैं।

प्राकृतिक धुआंकरण के लाभ

- हानिकारक रसायनों से मुक्त
- पर्यावरण के अनुकूल
- स्वास्थ्य के लिए लाभदायक (श्वसन संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद करता है)
- कीटों और कीटाणुओं को मारता है
- घर में सुखदायक महक

प्राकृतिक धुआंकरण कैसे करें?

1. जरूरी सामान
- धातु की कटोरी या थाली
- चिमटा
- पौधे या जड़ी-बूटियाँ (नीचे दी गई सूची देखें)

2. तरीका
- कटोरी में पौधे या जड़ी-बूटियाँ रखें।
- चिमटे से जलाएँ और धुएँ को पूरे घर में फैलाएँ।
- धुएँ को 10-15 मिनट तक रहने दें।
- खिड़कियाँ और दरवाजे बंद रखें।

प्राकृतिक धुआंकरण के लिए पौधे और जड़ी-बूटियाँ

- तुलसी
- पुदीना
- अजवायन
- लौंग
- दालचीनी
- इलायची
- जायफल

प्राकृतिक धुआंकरण एक सुरक्षित, प्रभावी और किफायती तरीका है अपने घर को कीटों और कीटाणुओं से मुक्त रखने का। तो, अगली बार जब आप कीटों या धुएँ से परेशान हों, तो प्राकृतिक धुआंकरण का प्रयास करें। आपको इसके परिणाम पसंद आएंगे!