मुझे लगता है कि सबसे बड़ी चिंताओं में से एक ईसी की स्वतंत्रता को लेकर है। कुछ ने आरोप लगाया है कि आयोग अब सरकार से बहुत प्रभावित हो गया है। उदाहरण के लिए, 2019 के आम चुनाव में ईसी द्वारा मीडिया पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय विवादास्पद था। कुछ लोगों ने तर्क दिया कि यह सरकार की आलोचना को दबाने का एक प्रयास था।
एक और चिंता का विषय ईसी की जवाबदेही है। आयोग वर्तमान में संसद के प्रति जवाबदेह नहीं है।मेरा मानना है कि ईसी में सुधार के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं। एक कदम आयोग को संसद के प्रति जवाबदेह बनाना होगा। इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि आयोग पारदर्शी और जवाबदेह है।
इसके अलावा, मुझे लगता है कि आयोग के सदस्यों को एक स्वतंत्र पैनल द्वारा नियुक्त किया जाना चाहिए। यह आयोग की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने में मदद करेगा।मुझे लगता है कि ईसी को बदलने का समय आ गया है। भारत को एक स्वतंत्र, निष्पक्ष और जवाबदेह चुनाव आयोग की जरूरत है। केवल तभी हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हमारे चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी होंगे।