प्रतीश नंदी
प्रतीश नंदी हिंदी साहित्य के एक प्रसिद्ध कवि, चित्रकार, पत्रकार, संसद सदस्य, मीडिया और टेलीविजन व्यक्तित्व और पशु कार्यकर्ता थे।
प्रतीश नंदी का जन्म 15 जनवरी 1951 को बिहार के भागलपुर में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय से प्राप्त की, जहां उन्होंने अंग्रेजी साहित्य में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
नंदी ने अपने करियर की शुरुआत एक पत्रकार के रूप में की और बाद में "द टाइम्स ऑफ इंडिया" के संपादक और प्रकाशन निदेशक बने। उन्होंने कई फिल्मों का निर्माण भी किया, जिनमें "कजरारे", "कांटे", "सुर" और "एलओसी कारगिल" शामिल हैं।
एक कवि के रूप में, नंदी ने कई कविता संग्रह प्रकाशित किए, जिनमें "द लॉर्ड इज माई शेफर्ड", "केयरलेस व्हिसपर्स" और "द जर्नी" शामिल हैं। उनकी कविताएँ भावनाओं, प्रेम और जीवन के दर्शन से ओतप्रोत हैं।
एक चित्रकार के रूप में, नंदी ने कई कला प्रदर्शनियों में अपनी कलाकृति का प्रदर्शन किया। उनकी पेंटिंग आधुनिक और पारंपरिक शैलियों का मिश्रण है और मानवीय भावनाओं और समाज के मुद्दों को दर्शाती है।
प्रतीश नंदी एक सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता भी थे। वह "पीपल फॉर एनिमल्स" के संस्थापक थे और उन्होंने जानवरों के अधिकारों के लिए बहुत काम किया। उन्होंने कई एनजीओ और चैरिटी संगठनों के साथ भी काम किया।
प्रतीश नंदी 8 जनवरी 2025 को मुंबई में अपने घर पर एक कार्डियक अरेस्ट के कारण निधन हो गया। वे 73 वर्ष के थे। उनके जाने से साहित्य, कला और सामाजिक सक्रियता के क्षेत्र में एक बड़ा शून्य पैदा हो गया है।