प्रियदर्शन: बॉलीवुड के कॉमेडी किंग का अनकहा सफर




प्रियदर्शन भारतीय सिनेमा के एक ऐसे निर्देशक हैं, जिन्हें कॉमेडी के बादशाह के रूप में जाना जाता है। उनकी फिल्मों ने हमें हंसा-हंसाकर पेट में दर्द कर दिया है। लेकिन इस कॉमेडी के पीछे एक गंभीर कहानी छिपी हुई है, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।

एक छोटे से गांव से बॉलीवुड तक

प्रियदर्शन का जन्म केरल के एक छोटे से गांव में हुआ था। उनके पिता एक किसान थे और उनकी माँ एक गृहिणी थीं। उन्हें हमेशा से फिल्में देखने का शौक था, लेकिन उनके गांव में कोई सिनेमाघर नहीं था। इसलिए, वह 8 किलोमीटर दूर एक पड़ोसी गांव में फिल्म देखने जाया करते थे।

एक दिन, प्रियदर्शन ने एक फिल्म देखी जिसने उनकी जिंदगी बदल दी। यह फिल्म थी "मालामाल वीकली"। फिल्म की कॉमेडी और समयबद्धता से वह इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने निर्देशक बनने का फैसला किया।

प्रियदर्शन ने अपने गांव के स्कूल से पढ़ाई की। फिर वह कोच्चि चले गए और एक थिएटर ग्रुप जॉइन किया। वहां उन्होंने अभिनय और निर्देशन की बारीकियां सीखीं।

बॉलीवुड में संघर्ष

1980 के दशक के मध्य में, प्रियदर्शन मुंबई चले गए। शुरू में, उन्हें बॉलीवुड में बहुत संघर्ष करना पड़ा। उन्हें कोई काम नहीं मिल रहा था। वह कई प्रोड्यूसरों के पास गए, लेकिन सभी ने उन्हें मना कर दिया।

अंततः, उन्हें एक छोटे से बजट की फिल्म "पुष्पक" निर्देशित करने का मौका मिला। फिल्म को दर्शकों ने काफी पसंद किया। इसके बाद प्रियदर्शन ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

हिट मशीन

पुष्पक की सफलता के बाद, प्रियदर्शन ने एक के बाद एक हिट फिल्में दीं। उनकी फिल्मों में "हेरा फेरी", "हंगामा", "भूल भुलैया" और "गोलमाल" जैसी कई क्लासिक फिल्में शामिल हैं।

प्रियदर्शन की फिल्मों की सफलता का श्रेय उनकी कॉमेडी और समयबद्धता को जाता है। उनकी फिल्मों में ऐसे किरदार होते हैं, जिनसे दर्शक खुद को जोड़ सकते हैं। उनकी कहानियां भी बहुत अच्छी तरह से लिखी जाती हैं, जिससे दर्शकों का अंत तक मनोरंजन होता रहता है।

एक अलग तरह का निर्देशक

प्रियदर्शन बॉलीवुड के अन्य निर्देशकों से अलग हैं। वह एक ऐसे निर्देशक हैं, जो अपनी फिल्मों में सामाजिक मुद्दों को उठाने से नहीं हिचकिचाते हैं। उनकी फिल्म "हेरा फेरी" में उन्होंने बेरोजगारी की समस्या को उठाया था। उनकी फिल्म "भूल भुलैया" में उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को उठाया था।

प्रियदर्शन अपनी फिल्मों के अलावा अपनी सादगी के लिए भी जाने जाते हैं। वह एक बहुत ही विनम्र और जमीन से जुड़े व्यक्ति हैं। वह हमेशा अपने प्रशंसकों के लिए समय निकालते हैं।

एक विरासत

प्रियदर्शन बॉलीवुड के सबसे सफल और सम्मानित निर्देशकों में से एक हैं। उनकी फिल्मों ने कई पीढ़ियों के दर्शकों का मनोरंजन किया है। वह एक ऐसे निर्देशक हैं, जिन्होंने भारतीय सिनेमा को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया है। उनकी विरासत आने वाले कई वर्षों तक जीवित रहेगी।

प्रियदर्शन का सफर एक प्रेरणा है। यह हमें सिखाता है कि कोई भी सपना कितना भी बड़ा क्यों न हो, अगर आपमें लगन और दृढ़ संकल्प है, तो आप उसे हासिल कर सकते हैं।

 


 
 
 
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