पराशुराम जयंती 2024
पराशुराम अवतार विष्णु के छठे अवतार हैं। भगवान परशुराम महाविष्णु के अंशावतार माने जाते हैं। भगवान परशुराम वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को अवतरित हुए थे। इस वर्ष परशुराम जयंती 13 अप्रैल 2024, शनिवार को मनाई जाएगी।
पराशुराम जी को भगवान शिव का परम शिष्य माना जाता है। इनके पिता का नाम ऋषि जमदग्नि और माता का नाम रेणुका था। परशुराम जी को प्रजापति कश्यप की 24 कन्याओं में से एक का मत्स्य अवतार माना जाता है।
पराशुराम जयंती का महत्व
- पराशुराम जयंती के दिन भगवान परशुराम की पूजा-अर्चना और व्रत करने से हर प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है।
- जो व्यक्ति परशुराम जयंती के दिन भगवान परशुराम की विधिवत पूजा करता है, उसे शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
- पराशुराम जयंती के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराने और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
- पराशुराम जयंती के दिन यज्ञ और हवन करने से आपके पापों का नाश होता है और आपको मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पराशुराम जयंती की पूजा विधि
- पराशुराम जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
- स्नान के बाद पूजा स्थान को साफ करें।
- भगवान परशुराम की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- भगवान परशुराम को फूल, फल, मिठाई और धूप अर्पित करें।
- भगवान परशुराम की आरती करें।
- भगवान परशुराम को प्रार्थना करें और अपनी मनोकामना बताएं।
- पूजा के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान करें।
पराशुराम जयंती की कथा
पराशुराम जी का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम ऋषि जमदग्नि और माता का नाम रेणुका था। परशुराम जी बचपन से ही बहुत शक्तिशाली थे। उन्होंने भगवान शिव की आराधना की और उनसे परशु नामक दिव्य अस्त्र प्राप्त किया।
एक बार राजा सहस्रार्जुन ने ऋषि जमदग्नि के आश्रम पर आक्रमण किया और उनके पिता और माता की हत्या कर दी। परशुराम जी को जब इस बात का पता चला तो वह क्रोधित हो गए और उन्होंने सहस्रार्जुन और उसके सैनिकों को मार डाला।
इसके बाद परशुराम जी ने पृथ्वी पर से 21 बार क्षत्रियों का नाश किया। अंत में उन्होंने भगवान राम को अपना परशु दे दिया और कोंकण में जाकर तपस्या करने लगे।
परशुराम जयंती की शुभकामनाएं
सभी को परशुराम जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं। इस पावन अवसर पर भगवान परशुराम की कृपा आप पर सदा बनी रहे।
जय भगवान परशुराम!