पॉलीग्राफ टेस्ट क्या है? क्या यह सच बोलने का पता लगाने के लिए एक विश्वसनीय तरीका है?




पॉलीग्राफ टेस्ट
पॉलीग्राफ टेस्ट, जिसे लाई डिटेक्टर टेस्ट भी कहा जाता है, एक ऐसा परीक्षण है जिसमें कई उपकरणों का उपयोग करके किसी व्यक्ति की शारीरिक प्रतिक्रियाओं को मापा जाता है, जब वे प्रश्न पूछे जाते हैं। परीक्षण इस धारणा पर आधारित है कि जब कोई व्यक्ति झूठ बोलता है, तो शरीर में तनाव के कारण हृदय गति, श्वसन दर और रक्तचाप में परिवर्तन होते हैं।
पॉलीग्राफ टेस्ट कैसे काम करता है?
पॉलीग्राफ परीक्षण के दौरान, विषय की छाती, हाथ और उंगलियों पर सेंसर लगाए जाते हैं। ये सेंसर दिल की दर, श्वसन दर और रक्तचाप जैसे शारीरिक मापदंडों को रिकॉर्ड करते हैं। परीक्षण में आमतौर पर दो चरण होते हैं:
1. प्रासंगिक प्रश्न परीक्षा: परीक्षार्थी से प्रश्नों की एक श्रृंखला पूछी जाती है जो अपराध या जांच के विषय से संबंधित होती है।
2. नियंत्रण प्रश्न परीक्षा: परीक्षार्थी से अपराध से असंबंधित नियंत्रण प्रश्न पूछे जाते हैं, जैसे कि "क्या आपका नाम जॉन है?"
पॉलीग्राफ टेस्ट के परिणामों की व्याख्या करना
परीक्षण के परिणामों की व्याख्या एक पॉलीग्राफ विशेषज्ञ द्वारा की जाती है। विशेषज्ञ शारीरिक प्रतिक्रियाओं के पैटर्न की तुलना करता है जो प्रासंगिक प्रश्नों के जवाब में दिए गए थे, जो नियंत्रण प्रश्नों के जवाब में दिए गए थे। यदि प्रासंगिक प्रश्नों के जवाब में प्रतिक्रियाएँ नियंत्रण प्रश्नों के जवाब में प्रतिक्रियाओं से काफी भिन्न होती हैं, तो विशेषज्ञ यह निष्कर्ष निकाल सकता है कि परीक्षार्थी झूठ बोल रहा है।
पॉलीग्राफ टेस्ट की विश्वसनीयता
पॉलीग्राफ टेस्ट की विश्वसनीयता एक विवादास्पद मुद्दा है। कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि यह झूठ का पता लगाने में बहुत प्रभावी है, जबकि अन्य ने इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। झूठ का पता लगाने के लिए पॉलीग्राफ टेस्ट का उपयोग करने में कई कारक शामिल हैं जो इसकी विश्वसनीयता को प्रभावित कर सकते हैं, जैसे:
* परीक्षार्थी की शारीरिक स्थिति: यदि परीक्षार्थी तनावग्रस्त, बीमार या थका हुआ है, तो इससे परीक्षण के परिणाम प्रभावित हो सकते हैं।
* परीक्षार्थी की प्रतिरक्षा कौशल: कुछ लोग झूठ बोलने पर तनाव के शारीरिक संकेतों को रोकने में अधिक सक्षम होते हैं, जो पॉलीग्राफ टेस्ट को धोखा दे सकते हैं।
* परीक्षार्थी का व्यक्तित्व: कुछ व्यक्तित्व प्रकार, जैसे चिंताजनक या अति उत्साही व्यक्तित्व, पॉलीग्राफ परीक्षण के परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं।
निष्कर्ष
पॉलीग्राफ टेस्ट झूठ का पता लगाने के लिए एक विवादास्पद उपकरण है। जबकि यह कुछ मामलों में सहायक हो सकता है, इसका उपयोग सावधानी से किया जाना चाहिए और अन्य सबूतों के संयोजन में। परीक्षण की विश्वसनीयता कई कारकों से प्रभावित होती है और यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि यह 100% सटीक नहीं है।