पशुपति पारस




दोस्तों, आज हम बात करने वाले हैं पशुपति पारस की, एक ऐसे नेता की जिनकी कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं। एक ऐसा नेता जिसने जमीनी स्तर से अपनी यात्रा शुरू की और आज देश की राजनीति में एक जाना-माना नाम बन चुके हैं। तो आइए थोड़ा झांकते हैं पशुपति पारस के जीवन के पन्नों में।
बचपन और शिक्षा
पशुपति पारस का जन्म 1956 में उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में एक कृषक परिवार में हुआ था। बचपन से ही पशुपति का झुकाव राजनीति की ओर था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा कन्नौज के ही एक स्थानीय स्कूल से पूरी की और फिर आगे की पढ़ाई के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दाखिला लिया।
राजनीतिक सफर की शुरुआत
राजनीति में पशुपति पारस की शुरुआत छात्र राजनीति से हुई। वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ के अध्यक्ष बने। इस दौरान उन्होंने कई छात्र आंदोलनों का नेतृत्व किया और लोगों के बीच अपनी पहचान बनाई। विश्वविद्यालय से निकलने के बाद पशुपति पारस 1980 में "भारतीय जनता पार्टी" (भाजपा) में शामिल हो गए।
विधानसभा और लोकसभा में सफर
भाजपा में शामिल होने के बाद पशुपति पारस ने जमीनी स्तर से काम करना शुरू किया। उनकी मेहनत और लगन को देखते हुए पार्टी ने उन्हें 1991 में पहली बार विधानसभा का टिकट दिया। वह कन्नौज विधानसभा सीट से चुनाव जीते और विधायक बने। विधायक के रूप में उनके काम को लोगों ने सराहा। 2009 में पशुपति पारस को भाजपा ने लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया। उन्होंने कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव जीता और पहली बार सांसद बने।
केंद्रीय मंत्री के रूप में
2014 में जब केंद्र में भाजपा की सरकार बनी तो पशुपति पारस को केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री का पद दिया गया। इस पद पर उन्होंने कई महत्वपूर्ण काम किए। उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। इसके अलावा उन्होंने किसानों की आय बढ़ाने के लिए भी कई कदम उठाए।
राष्ट्रीय अध्यक्ष
2020 में पशुपति पारस को लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। इस पद पर उन्होंने पार्टी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का काम किया। लोजपा को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत बनाने के लिए उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए।
एक आम इंसान, एक राजनेता
पशुपति पारस एक ऐसे नेता हैं जो जमीन से जुड़े हैं। वह लोगों की समस्याओं को समझते हैं और उनके समाधान के लिए काम करते हैं। वे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए भी जाने जाते हैं। उनका मानना है कि राजनीति लोगों की सेवा करने का एक साधन है।
एक प्रेरणादायक कहानी
पशुपति पारस की कहानी एक प्रेरणादायक कहानी है। यह दिखाती है कि कैसे एक आम इंसान जमीनी स्तर से उठकर देश की राजनीति में एक जाना-माना नाम बन सकता है। उनकी मेहनत, लगन और लोगों की सेवा करने की भावना सभी के लिए एक उदाहरण है।