पहले शिकारी, फिर भक्षक बन गया चीन का हिमालयी भेड़िया




चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग किस तरह चीन की "हिमालयी भेड़िया" की छवि से "चीन के भक्षक" बन गए, यह एक लंबी और जटिल कहानी है।


शी जिनपिंग ने 2012 में चीन के राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला था। उस समय, चीन एक उभरती हुई महाशक्ति था, लेकिन यह अभी भी एक विकासशील देश था। शी जिनपिंग की महत्वाकांक्षा चीन को एक वैश्विक महाशक्ति बनाना था, और उन्होंने इसे प्राप्त करने के लिए कदम उठाना शुरू कर दिया।

  • आर्थिक सुधार:
  • शी जिनपिंग ने चीन के आर्थिक सुधारों को तेज किया, जिससे आर्थिक विकास की गति तेज हो गई। उन्होंने बाजार सुधारों को लागू किया, राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों को निजीकृत किया और विदेशी निवेश को प्रोत्साहित किया। इन सुधारों से चीन की अर्थव्यवस्था में तेजी से विकास हुआ।
  • सैन्य आधुनिकीकरण:
  • शी जिनपिंग ने चीन के सैन्य आधुनिकीकरण पर भी जोर दिया। उन्होंने नई तकनीकों और हथियारों पर बहुत पैसा खर्च किया। उन्होंने चीन की सेना का पुनर्गठन भी किया, जिससे यह अधिक कुशल और प्रभावी बन गई।
  • विदेश नीति:
  • शी जिनपिंग ने चीन की विदेश नीति में भी बदलाव किए। उन्होंने चीन के हितों की सुरक्षा के लिए एक अधिक आक्रामक रुख अपनाया। उन्होंने दक्षिण चीन सागर में द्वीपों का निर्माण किया और ताइवान पर अपना दावा बढ़ाया।
    शी जिनपिंग के कदमों से चीन की वैश्विक स्थिति मजबूत हुई। चीन अब विश्व का दूसरा सबसे बड़ा अर्थव्यवस्था है और इसकी सेना दुनिया की सबसे बड़ी सेनाओं में से एक है। हालाँकि, शी जिनपिंग की नीतियों ने कई चुनौतियाँ भी पैदा की हैं।


  • आर्थिक चुनौतियाँ:
  • शी जिनपिंग के आर्थिक सुधारों ने कुछ नकारात्मक परिणाम भी दिए हैं। चीन की अर्थव्यवस्था अब धीमी हो रही है और उसका ऋण बढ़ रहा है। इससे चीन के लिए आर्थिक विकास को बनाए रखना और अपनी आबादी के लिए नौकरियां पैदा करना मुश्किल हो गया है।
  • सैन्य चुनौतियाँ:
  • शी जिनपिंग के सैन्य आधुनिकीकरण से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। चीन के पड़ोसी देशों को चिंता है कि चीन अपने सैन्य बल का इस्तेमाल अपने विवादों को हल करने के लिए कर सकता है।
  • विदेश नीति चुनौतियाँ:
  • शी जिनपिंग की विदेश नीति ने चीन को कई देशों से अलग-थलग कर दिया है। संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ चीन के बढ़ते प्रभाव और विवादित दावों से चिंतित हैं। इससे चीन के लिए वैश्विक मंच पर सहयोगियों को ढूंढना मुश्किल हो गया है।


    शी जिनपिंग की नीतियों ने चीन को एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाया है, लेकिन उन्होंने कई चुनौतियाँ भी खड़ी की हैं। यह देखना बाकी है कि क्या शी जिनपिंग चीन को इन चुनौतियों से निपटने और एक वैश्विक महाशक्ति बने रहने में सक्षम होंगे।