फारूक अब्दुल्ला: जम्मू-कश्मीर के शेर
फारूक अब्दुल्ला एक भारतीय राजनेता और जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के वर्तमान अध्यक्ष हैं। उन्होंने भारत के पूर्व मुख्यमंत्री और नई एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री के रूप में कार्य किया है। जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में, उनका करिश्मा और नेतृत्व कौशल उन्हें "जम्मू-कश्मीर का शेर" उपनाम दिलाता है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
फारूक अब्दुल्ला का जन्म 21 अक्टूबर 1937 को श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में हुआ था। उनके पिता, शेख अब्दुल्ला, जम्मू-कश्मीर के प्रथम मुख्यमंत्री थे, और उनकी माँ, बेगम अकबर जहां अब्दुल्ला, एक सामाजिक कार्यकर्ता थीं। फारूक ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा श्रीनगर के टाइन्डेल-बिस्को स्कूल में प्राप्त की और फिर जयपुर के सवाई मान सिंह मेडिकल कॉलेज से चिकित्सा स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
राजनीतिक कैरियर
फारूक अब्दुल्ला ने 1980 में अपने पिता की मृत्यु के बाद राजनीति में प्रवेश किया। उन्हें जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस का अध्यक्ष चुना गया और उन्होंने 1982 से 2002 तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने राज्य में कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत की, जिसमें बागलीहार बाँध और सालाल हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट शामिल थे।
2002 में, अब्दुल्ला को उनकी पार्टी के भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था। हालाँकि, उन्होंने 2009 में चुनाव जीता और 2014 तक फिर से मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। इस अवधि के दौरान, उन्होंने जम्मू-कश्मीर में राज्य के अधिकार और स्वायत्तता के लिए आंदोलन का समर्थन किया।
नई एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री
2014 के लोकसभा चुनावों में, अब्दुल्ला श्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए। उन्हें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नई एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री नियुक्त किया गया था। इस भूमिका में, उन्होंने भारत में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कई पहलों का शुभारंभ किया।
वर्तमान भूमिका
फारूक अब्दुल्ला वर्तमान में जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष हैं। वह जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक परिदृश्य में एक प्रभावशाली व्यक्ति बने हुए हैं और उन्हें अक्सर "जम्मू-कश्मीर का शेर" के रूप में संदर्भित किया जाता है।
सम्मान और पुरस्कार
फारूक अब्दुल्ला को अपने राजनीतिक और सामाजिक योगदान के लिए कई सम्मान और पुरस्कार मिले हैं, जिनमें शामिल हैं:
* भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण
* श्रीलंका सरकार द्वारा श्रीलंका रत्न
* विश्व बौद्ध संगठन द्वारा विश्व बौद्ध नेता पुरस्कार
* लंदन विश्वविद्यालय से मानद डॉक्टरेट
निष्कर्ष
फारूक अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के एक प्रतिष्ठित राजनेता और नेता हैं। करिश्माई और नेतृत्व कौशल के साथ, उन्होंने भारत और जम्मू-कश्मीर दोनों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। "जम्मू-कश्मीर का शेर" के रूप में उनकी उपाधि उनके साहस, दृढ़ संकल्प और अपने लोगों के लिए समर्पण की गवाही देती है।