बकरीद: उत्सव का समय




आज बकरीद का त्यौहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है।
बकरीद एक महत्वपूर्ण मुस्लिम त्यौहार है, जो ईद-उल-जुहा के नाम से भी जाना जाता है। यह त्यौहार हजरत इब्राहिम द्वारा अपने पुत्र इस्माइल को अल्लाह की राह में कुर्बान करने की याद में मनाया जाता है।
इस त्यौहार का इतिहास बहुत पुराना है।
कहा जाता है कि हजरत इब्राहिम को एक स्वप्न आया था जिसमें अल्लाह ने उन्हें अपने पुत्र इस्माइल को कुर्बान करने का आदेश दिया था। हजरत इब्राहिम अपने पुत्र से बहुत प्यार करते थे, लेकिन उन्होंने अल्लाह के आदेश का पालन किया। जब वे अपने पुत्र को कुर्बान करने वाले थे, तो अल्लाह ने उन्हें एक मेढ़ा भेजा और इस्माइल को बचा लिया।
इस त्यौहार का महत्व बहुत अधिक है।
यह त्यौहार त्याग, बलिदान और आज्ञाकारिता का प्रतीक है। इस दिन मुसलमान सुबह की नमाज अदा करते हैं और एक बकरा या मेढ़ा कुर्बान करते हैं। कुर्बानी के मांस का एक हिस्सा गरीबों को दान कर दिया जाता है।
बकरीद का त्यौहार पूरे मुस्लिम समुदाय के लिए एक खुशी का अवसर है।
इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं, एक-दूसरे से मिलते हैं और मिठाइयां बांटते हैं। बच्चे ईदी लेते हैं और खेलते हैं।
मेरे लिए, बकरीद हमेशा एक विशेष त्यौहार रहा है। मैं बचपन से ही इस त्यौहार को बड़ी धूमधाम से मनाता हूं। मुझे याद है कि हम सुबह जल्दी उठते थे और नए कपड़े पहनते थे। फिर हम ईदगाह जाते थे और नमाज अदा करते थे। नमाज के बाद, हम बकरे को कुर्बान करते थे और मांस को गरीबों में बांटते थे।
बाद में, हम घर लौटते थे और मेहमानों का स्वागत करते थे।
हम सभी एक साथ खाना खाते थे और मिठाइयां खाते थे। बच्चे ईदी लेते थे और खेलते थे। बकरीद का दिन हमेशा बहुत खुशी और उत्साह से भरा होता था।
मैं सभी मुस्लिम भाइयों और बहनों को बकरीद की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।
उम्मीद करता हूं कि यह त्यौहार आपके जीवन में खुशियां और समृद्धि लाए। ईद मुबारक!