बगुला और लड़का




एक छोटे से गांव में एक लड़का रहता था। वह बहुत शरारती था और हमेशा जानवरों को परेशान किया करता था। एक दिन, वह एक बगुले के घोंसले पर गुलेल से पत्थर फेंक रहा था।

बगुला बहुत क्रोधित हो गया और उड़कर लड़के पर हमला कर दिया। लड़का डर गया और भागने लगा। बगुला उसका पीछा करता रहा।

लड़का एक तालाब के पास पहुंचा और पानी में कूद गया। बगुला भी उसके पीछे पानी में कूद गया। लड़का बहुत अच्छी तरह से तैर सकता था, लेकिन बगुला और भी अच्छा तैराक था।

लड़का थकने लगा और डूबने लगा। बगुला ने उसकी मदद की और उसे किनारे तक लाया। लड़का बहुत आभारी था।

उस दिन से, लड़का और बगुला अच्छे दोस्त बन गए। लड़के ने अपनी शरारतें बंद कर दीं और बगुले ने उसे कई बार खतरे से बचाया।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें ईर्ष्या और घमंड नहीं करना चाहिए। हमें हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए, चाहे वे हमारे दोस्त हों या दुश्मन।