बेंजामिन नेतन्याहू: इज़रायल के अजेय योद्धा / प्रतिभाशाली राजनेता/ अविश्वसनीय करिश्मा/ निर्विवाद विरासत'''




बेंजामिन नेतन्याहू इतिहास के पन्नों पर एक ऐसा शख्स हैं, जिनकी विरासत अपने देश और दुनिया को आकार देने में कई वर्षों तक गूँजती रहेगी। वह एक असाधारण राजनेता, एक कुशल वार्ताकार और इज़रायल के प्रधान मंत्री के रूप में दो दशकों से अधिक समय तक सेवा करने वाले एक अविश्वसनीय व्यक्तित्व हैं। नेतन्याहू का व्यक्तित्व एक रहस्य और साज़िश से भरा हुआ है, जो उन्हें एक ऐसा व्यक्ति बनाता है जो प्रशंसा और आलोचना दोनों को आकर्षित करता है।
प्रारंभिक जीवन और राजनीति में प्रवेश
बेंजामिन नेतन्याहू का जन्म 21 अक्टूबर, 1949 को तेल अवीव, इजरायल में हुआ था। उनके पिता एक इतिहासकार थे और उनकी माँ एक न्यायाधीश थीं। अपने माता-पिता से बुद्धि और दृढ़ संकल्प विरासत में मिलने वाले नेतन्याहू ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से वास्तुकला में डिग्री हासिल की। स्नातक होने के बाद, वह इज़रायली सेना में शामिल हो गए, जहाँ उन्होंने एक कमांडो इकाई में सेवा की।
सेना से लौटने के बाद, नेतन्याहू ने राजनीति में प्रवेश किया। उन्होंने 1988 में कनेसेट के लिए चुनाव लड़ा और लिबरल पार्टी के सदस्य के रूप में सेवा की। वह जल्दी ही एक उभरता हुआ सितारा बन गए, अपनी बुद्धिमत्ता और वाक्पटुता के लिए जाने गए। 1996 में, वह प्रधान मंत्री बने और यहीं से उनकी असाधारण विरासत की शुरुआत हुई।
प्रधान मंत्री के रूप में पहला कार्यकाल
नेतन्याहू के पहले कार्यकाल को कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों द्वारा चिह्नित किया गया था। उन्होंने ओस्लो समझौतों को लागू किया, जो इज़रायल और फिलिस्तीनी प्राधिकरण के बीच एक शांति समझौता था। उन्होंने इसराइल की अर्थव्यवस्था को भी उदार बनाया, जिससे देश में आर्थिक समृद्धि का दौर आया। हालाँकि, उनके कार्यकाल को इज़राइली-फिलिस्तीनी संघर्ष को हल करने में विफलता के कारण भी चिह्नित किया गया था।
विपक्ष में वर्ष
1999 में चुनाव हारने के बाद नेतन्याहू को विपक्ष में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने विपक्ष के नेता के रूप में कार्य किया, लगातार सरकार की नीतियों की आलोचना की। उन्होंने 2002 में राजनीति से संन्यास की घोषणा की, लेकिन कुछ साल बाद लौट आए।
प्रधान मंत्री के रूप में दूसरा कार्यकाल और उसके बाद
नेतन्याहू 2009 में फिर से प्रधान मंत्री बने और उन्होंने 2021 तक पद संभाला। उनके दूसरे कार्यकाल को विवादों और उपलब्धियों दोनों से चिह्नित किया गया था। उन्होंने ईरानी परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए प्रयास किए, लेकिन वे इज़राइली-फिलिस्तीनी संघर्ष को हल करने में विफल रहे। उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ संबंधों को भी मजबूत किया और 2020 में संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन के साथ शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
नेतन्याहू एक विवादास्पद व्यक्ति हैं, कुछ लोग उनकी उपलब्धियों की प्रशंसा करते हैं जबकि अन्य उनकी नीतियों की आलोचना करते हैं। हालाँकि, इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह इज़रायली राजनीति में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति रहे हैं और उनकी विरासत पर आने वाले कई वर्षों तक बहस होती रहेगी।
व्यक्तिगत जीवन और व्यक्तित्व
नेतन्याहू का विवाह सारा नेतन्याहू से हुआ है और उनके तीन बच्चे हैं। वह एक कुशल पियानोवादक हैं और उन्हें हवाई जहाज़ उड़ाना भी पसंद है। नेतन्याहू एक जटिल और आकर्षक व्यक्ति हैं। वह बहुत बुद्धिमान और आत्मविश्वासी हैं, लेकिन वह जिद्दी और अधीर भी हो सकते हैं। वह एक प्राकृतिक नेता हैं, जिनके पास लोगों को प्रेरित करने और उन्हें अपने साथ लाने की असाधारण क्षमता है।
विरासत
नेतन्याहू का इज़रायली राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ा है। उन्होंने देश का कई बार नेतृत्व किया है और उन्हें सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधान मंत्री होने का गौरव प्राप्त है। उनकी विरासत में ओस्लो समझौतों का कार्यान्वयन, इज़राइली अर्थव्यवस्था का उदारीकरण, ईरानी परमाणु कार्यक्रम को रोकने के प्रयास और संयुक्त राज्य अमेरिका और अरब देशों के साथ संबंधों को मजबूत करना शामिल है।
नेतन्याहू की विरासत पर आने वाले कई वर्षों तक बहस होती रहेगी। कुछ लोग उन्हें एक महान नेता के रूप में याद रखेंगे जिन्होंने इज़रायल की सुरक्षा और समृद्धि सुनिश्चित की। अन्य उन्हें एक विभाजनकारी व्यक्ति के रूप में याद रखेंगे जो इज़राइली-फिलिस्तीनी संघर्ष को हल करने में विफल रहे। हालाँकि, इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह इज़रायली इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति रहे हैं।