बजरंग पुनिया: कुश्ती का अजेय योद्धा




हेडलाइन पढ़कर आपके मन में बजरंग पुनिया की छवि अवश्य उभर आई होगी। एक ऐसा नाम, जिसने कुश्ती के मैदान में भारत का नाम ऊंचा किया है। भारत का यह शेर पिछले एक दशक से कुश्ती की दुनिया पर राज कर रहा है। आज इस आर्टिकल में हम इस शेर के संघर्ष, जुनून और उपलब्धियों की कहानी जानेंगे।
कुश्ती के मैदान पर सितारा उगता हुआ
बजरंग पुनिया का जन्म हरियाणा के झज्जर जिले के खुदान गांव में हुआ था। बचपन से ही कुश्ती में उनकी रुचि थी। 11 साल की उम्र में ही उन्होंने अपने बड़े भाई से कुश्ती की ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी थी। इसके बाद, उन्होंने ओलंपिक पोडियम योजना के तहत ट्रेनिंग प्राप्त की।

पहले ही वर्ष उन्होंने सीनियर रेसलिंग में पदार्पण किया। 2013 में उन्होंने एशियन चैंपियनशिप में पहला गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद वह पीछे मुड़कर नहीं देखे और लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए।

ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप में शानदार उपलब्धियां
बजरंग पुनिया ने 2016 रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा। वह 50 सालों बाद ओलंपिक कुश्ती में मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बन गए। इसके बाद, उन्होंने 2020 टोक्यो ओलंपिक में फिर से कांस्य पदक जीतकर अपनी उपलब्धियों पर मुहर लगा दी।
विश्व चैंपियनशिप में भी बजरंग का दबदबा रहा है। उन्होंने 2018 और 2022 में दो विश्व चैंपियनशिप स्वर्ण पदक जीते हैं। इसके अलावा, उनके नाम दो रजत और दो कांस्य पदक भी शामिल हैं।
कुश्ती के मैदान से इतर
रिंग के बाहर, बजरंग पुनिया एक विनम्र और जमीन से जुड़े व्यक्ति हैं। वह अपने प्रशंसकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं और उन्हें "भाई" के नाम से जाना जाता है। 2021 में, उन्हें भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान "राजीव गांधी खेल रत्न" से सम्मानित किया गया।
  • बजरंग का मानना है कि सफलता के लिए कड़ी मेहनत, जुनून और आत्मविश्वास जरूरी है।
  • उन्होंने कहा है, "सपने देखने वालों को रास्ते मिलते हैं और मेहनत करने वालों को सफलता।"
  • वह युवा पहलवानों को प्रेरित करते हुए कहते हैं, "अगर आप अपने सपनों को पूरा करने के लिए दृढ़ हैं, तो कोई बाधा आपके रास्ते में नहीं आ सकती।"
  • एक कुश्ती महानायक
    आज, बजरंग पुनिया कुश्ती के मैदान पर भारत के सबसे सफल पहलवान हैं। उनकी उपलब्धियों ने लाखों भारतीयों को प्रेरित किया है। वह एक ऐसे महानायक हैं जिन पर हर भारतीय गर्व करता है।
    बजरंग पुनिया की कहानी एक ऐसे योद्धा की कहानी है जिसने संघर्ष और कड़ी मेहनत से अपनी किस्मत को बदल दिया। वह भारत के युवाओं के लिए एक रोल मॉडल हैं, जो साबित करते हैं कि कुछ भी असंभव नहीं है अगर आपके पास सपने देखने और उन्हें पूरा करने की हिम्मत है।