बिटकॉइन हेलविंग: जब आधे हो जाते हैं बिटकॉइन




क्या आपने कभी सोचा है कि बिटकॉइन इतना कीमती क्यों है? क्या आप जानते हैं कि बिटकॉइन की कीमत समय के साथ बढ़ती रहती है? और क्या आप जानते हैं कि बिटकॉइन की इस बढ़ती कीमत के पीछे एक और बहुत बड़ी वजह है?

इसका नाम है बिटकॉइन हेलविंग।

बिटकॉइन हेलविंग क्या है?

हेलविंग एक ऐसी घटना है जो हर चार साल में एक बार होती है। इस घटना में बिटकॉइन के माइनर्स को मिलने वाले बिटकॉइन की संख्या आधी हो जाती है।

  • पहला हेलविंग: 28 नवंबर, 2012
  • दूसरा हेलविंग: 9 जुलाई, 2016
  • तीसरा हेलविंग: 11 मई, 2020

हेलविंग बिटकॉइन की कीमत को कैसे प्रभावित करता है?

जब बिटकॉइन की आपूर्ति कम होती है, तो लोग इसे खरीदने के लिए और अधिक भुगतान करने को तैयार होते हैं। यही कारण है कि हर हेलविंग के बाद बिटकॉइन की कीमत में तेजी से वृद्धि देखने को मिलती है।

उदाहरण के लिए, तीसरे हेलविंग के बाद बिटकॉइन की कीमत कुछ ही महीनों में 10,000 डॉलर से बढ़कर 60,000 डॉलर हो गई।

अगला हेलविंग कब होगा?

अगला बिटकॉइन हेलविंग साल 2024 में होने वाला है। इस घटना का बिटकॉइन की कीमत पर एक बड़ा असर पड़ने की उम्मीद है।

निष्कर्ष

बिटकॉइन हेलविंग एक ऐसी घटना है जो बिटकॉइन की कीमत को काफी हद तक प्रभावित करती है। इस घटना को समझना महत्वपूर्ण है यदि आप बिटकॉइन या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने में रुचि रखते हैं।

याद रखें, निवेश करने से पहले हमेशा अपना शोध करें और कभी भी उससे अधिक निवेश न करें जिसे आप खोने का जोखिम उठा सकते हैं।