बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान एक ऐतिहासिक पहल है जिसे भारत सरकार ने 22 जनवरी, 2015 को शुरू किया था। इसका उद्देश्य बालिकाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा को बढ़ावा देना और उन्हें सशक्त बनाना है। यह अभियान बेटियों के साथ होने वाले भेदभाव और असमानताओं को दूर करने का एक प्रगतिशील प्रयास है।
एक व्यक्तिगत परिप्रेक्ष्यएक माता-पिता के रूप में, मैं अपने बेटे और बेटी में कोई भेद नहीं करता। मेरा मानना है कि दोनों समान प्यार, अवसर और सहायता के पात्र हैं। मेरी बेटी एक बुद्धिमान और प्रतिभाशाली युवा महिला है, और मैं उसे हर उस चीज़ को हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करती हूँ जिसका वह सपना देखती है।
बेटियों को सशक्त बनानाबेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान बेटियों को कई तरह से सशक्त बना रहा है:
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के कारण देश भर में कई सफलता की कहानियां सामने आई हैं:
हालाँकि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान ने महत्वपूर्ण प्रगति की है, फिर भी लैंगिक समानता हासिल करने के लिए और अधिक काम करने की आवश्यकता है। हमें बेटियों के खिलाफ भेदभाव की जड़ों को लगातार चुनौती देने और सभी लड़कियों के लिए एक सुरक्षित, स्वस्थ और सशक्त वातावरण बनाने की आवश्यकता है।
आइए हम सभी ने मिलकर बेटियों के सशक्तिकरण के मिशन को आगे बढ़ाएं और इस अभियान को एक सच्ची सफलता की कहानी बनाएं। क्योंकि जब हम अपनी बेटियों को सशक्त बनाते हैं, तो हम पूरे समाज को सशक्त बनाते हैं।