बढ़ती उम्र के साथ अर्थव्यवस्था की रफ्तार भी कम होती है




अर्थव्यवस्था को समय के साथ ढलना होगा

जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे हमारी जीवनशैली में भी बदलाव आते हैं। हम कम सक्रिय हो जाते हैं, कम काम करते हैं और कम पैसा कमाते हैं। इसका अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ता है।

जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारे निवेश पर रिटर्न भी कम होता जाता है। इससे अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर धीमी हो जाती है। इसके अतिरिक्त, जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, हमें अधिक स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता होती है। इससे स्वास्थ्य देखभाल लागत बढ़ जाती है, जो अर्थव्यवस्था पर बोझ डालती है।

इसके अतिरिक्त, जैसे-जैसे जनसंख्या की आयु बढ़ती है, कार्यबल का आकार भी छोटा होता जाता है। इससे श्रम की कमी हो जाती है, जिससे वेतन और कीमतें बढ़ जाती हैं। इससे अर्थव्यवस्था की वृद्धि भी धीमी हो जाती है।

संयुक्त राज्य अमेरिका में, 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों की संख्या 2030 तक 72 मिलियन से अधिक होने का अनुमान है।
  • यदि अर्थव्यवस्था बढ़ती उम्र की आबादी के अनुकूल नहीं होती है, तो इसके पूरे समाज के लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
  • अर्थव्यवस्था को बढ़ती उम्र के साथ आबादी के अनुकूल होने के लिए कुछ कदम उठाने होंगे। इसमें निम्नलिखित शामिल हैं:

    पेंशन और स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रमों में सुधार करना।
  • वरिष्ठ श्रमिकों को कार्यबल में रखना।
  • परिवहन और आवास जैसे वरिष्ठ नागरिकों की जरूरतों को पूरा करना।
  • इन कदमों से अर्थव्यवस्था को बढ़ती उम्र की आबादी के अनुकूल बनाने और यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि सभी नागरिकों की जरूरतें पूरी हों।

    संजय टंडन