बाबा सिद्दीकी




मुंबई के राजनीतिक परिदृश्य में, बाबा सिद्दीकी का नाम एक अहम और चर्चित नाम माना जाता है। एनसीपी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक, बाबा सिद्दीकी अपनी राजनीतिक कुशलता और जनता के बीच व्यापक लोकप्रियता के लिए जाने जाते हैं।

राजनीतिक सफर:

बाबा सिद्दीकी का जन्म 13 सितंबर, 1958 को पटना, बिहार में हुआ था। उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के साथ की।

वर्ष 1995 में, बाबा सिद्दीकी पहली बार मुंबई की बांद्रा पश्चिम विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। इसके बाद, वे लगातार चार बार (1999, 2004, 2009 और 2014) इसी सीट से विधानसभा सदस्य रहे।

अपने कार्यकाल के दौरान, बाबा सिद्दीकी ने विभिन्न विभागों में मंत्री पद संभाला, जिनमें शहरी विकास, श्रम और आवास शामिल हैं। वे अपने मतदाताओं के बीच उनकी समस्याओं को सुनने और उन्हें हल करने के लिए जाने जाते थे।

सामाजिक कार्य:

राजनीति से इतर, बाबा सिद्दीकी सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं। वे कई धर्मार्थ ट्रस्ट और संगठनों से जुड़े हुए हैं। उनकी पत्नी, शहज़ीन सिद्दीकी, एक जानी-मानी समाजसेवी हैं, जिनके नेतृत्व में कई सामाजिक पहल की गई हैं।

बाबा सिद्दीकी अपनी वार्षिक इफ्तार पार्टी के लिए भी जाने जाते हैं, जो मुंबई में एक बड़ी सामाजिक घटना है। यह पार्टी विभिन्न धर्मों और समुदायों के लोगों को एक साथ लाती है, जो आपसी सद्भाव और एकता को बढ़ावा देती है।

विवाद और आलोचनाएँ:

अपनी लोकप्रियता के बावजूद, बाबा सिद्दीकी समय-समय पर विवादों में भी घिरे रहे हैं। उन पर भ्रष्टाचार, धनशोधन और रंगदारी जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।

हालांकि, सिद्दीकी ने इन आरोपों का हमेशा खंडन किया है और खुद को निर्दोष बताया है। उन्होंने मीडिया और राजनीतिक विरोधियों पर उन्हें बदनाम करने का आरोप लगाया है।

निष्कर्ष:

बाबा सिद्दीकी मुंबई की राजनीति में एक जटिल और विवादास्पद व्यक्ति हैं। अपनी राजनीतिक कुशलता और सामाजिक कार्यों के लिए सम्मानित होने के साथ ही, वे आरोपों और विवादों से भी घिरे रहे हैं।