आज सुबह, मैं बस स्टॉप पर बस का इंतजार कर रहा था। वायुमंडल शांत और शांतिपूर्ण था। अचानक, मैंने एक तेज़ धमाके की आवाज़ सुनी। मुझे लगा कि मेरे पैरों तले से ज़मीन खिसक गई है।
मैंने अपने आस-पास देखा, लेकिन मुझे कुछ भी दिखाई नहीं दिया। फिर, मैंने एक फुसफुसाहट सुनी, "बम की धमकी।" अचानक, भीड़ में दहशत फैल गई। लोग इधर-उधर भागने लगे, कुछ लोग चीख रहे थे और कुछ रो रहे थे।
मैं भयभीत था, लेकिन मैं शांत रहने की कोशिश कर रहा था। मुझे पता था कि अगर मैं घबरा गया, तो मैं कुछ भी नहीं कर पाऊंगा। मैंने अपने दिमाग को शांत किया और अपने आस-पास की स्थिति का आकलन किया।
मैंने देखा कि एक आदमी एक बैग के साथ खड़ा है। बैग खुला था और मैं उसके अंदर कुछ तार और एक डिजिटल टाइमर देख सकता था। मुझे एहसास हुआ कि वही बम था।
मैं जानता था कि मुझे कुछ करना है। मैं उस आदमी के पास गया और उससे कहा, "सर, कृपया बैग नीचे रख दें।" आदमी चौंक गया और उसने मुझे देखा। वह घबराया हुआ लग रहा था।
मैंने फिर कहा, "सर, कृपया बैग नीचे रख दें। यह एक बम है और यह लोगों को मार सकता है।" आदमी ने एक लंबी साँस ली और बैग नीचे रख दिया।
मैंने राहत की साँस ली। मैंने बस के ड्राइवर को बुलाया और उसे स्थिति के बारे में बताया। ड्राइवर ने पुलिस को फोन किया और कुछ ही मिनटों में पुलिस आ गई।
पुलिस ने उस आदमी को गिरफ्तार कर लिया और बम को निष्क्रिय कर दिया। भीड़ धीरे-धीरे शांत हो गई और लोग फिर से बस पर बैठने लगे।
हमें गर्व है कि हम इस घटना के दौरान ऐसे लोगों से मिले हैं जो बहादुर और दूसरों की मदद करने को तैयार हैं। हम सभी को एक साथ इस तरह की चुनौतियों का सामना करना चाहिए और आतंकवाद के खिलाफ खड़े होना चाहिए।