ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाला एक आम प्रकार का कैंसर है। यह तब होता है जब ब्रेस्ट ऊतक में कोशिकाएँ अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। प्रारंभिक अवस्था में इसका पता लगाना बहुत जरूरी है, क्योंकि जितनी जल्दी कैंसर का पता चलेगा, उसके इलाज की संभावना उतनी ही ज्यादा होगी।
ब्रेस्ट कैंसर होने पर स्तनों में कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं। इनमें शामिल हैं:
यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। डॉक्टर यह निर्धारित करने के लिए कई परीक्षण कर सकते हैं कि कैंसर है या नहीं, जैसे कि मैमोग्राम, अल्ट्रासाउंड या बायोप्सी।
इसके अलावा, स्व-परीक्षण भी ब्रेस्ट कैंसर के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय है। आप हर महीने अपने स्तनों की जांच करके गांठ या मोटे होने जैसी किसी भी असामान्यता की जांच कर सकते हैं।
याद रखें, ब्रेस्ट कैंसर होने पर हर किसी में अलग-अलग लक्षण हो सकते हैं। यदि आपको अपने स्तनों में कोई भी असामान्यता दिखाई दे, तो अपने डॉक्टर से अवश्य संपर्क करें। प्रारंभिक पता लगाना और उपचार जीवन बचा सकता है।
स्तनों की स्व-परीक्षा कैसे करें
स्तनों की स्व-परीक्षण करने के लिए, निम्नलिखित कदम उठाएँ:
स्तनों की स्व-परीक्षण नियमित रूप से करने से आप अपने स्तनों में होने वाले किसी भी बदलाव पर नज़र रख सकते हैं। यदि आपको कोई असामान्यता दिखाई देती है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करना ज़रूरी है।
ब्रेस्ट कैंसर को रोकने के तरीके
हालांकि ब्रेस्ट कैंसर को रोकने का कोई निश्चित तरीका नहीं है, लेकिन कुछ ऐसे कारक हैं जो आपके जोखिम को कम कर सकते हैं, जैसे:
यदि आप ब्रेस्ट कैंसर के खतरे से चिंतित हैं, तो अपने डॉक्टर से अपनी चिंताओं पर चर्चा करना सुनिश्चित करें। वे आपके परिवार के इतिहास, जीवनशैली और अन्य जोखिम कारकों को ध्यान में रखते हुए आपकी व्यक्तिगत जोखिम स्तर का आकलन करने और आपको रोकथाम के उपायों के बारे में सलाह देने में सक्षम होंगे।
ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाना और इसके लक्षणों को जानना बहुत जरूरी है। अपने स्तनों की नियमित रूप से जाँच करें, स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखें और यदि आपको कोई असामान्यता दिखाई दे तो अपने डॉक्टर से परामर्श करना सुनिश्चित करें। प्रारंभिक पता लगाना और उपचार जीवन बचा सकता है।