भय या सिर्फ एक अंधव
भय या सिर्फ एक अंधविश्वास?
यह मान्यता सदियों पुरानी है कि शुक्रवार और 13 की तिथि अशुभ होती है। हालांकि, इसके पीछे कोई तर्कसंगत कारण नहीं है, फिर भी बहुत से लोग इस अंधविश्वास में विश्वास करते हैं।
इस अंधविश्वास की उत्पत्ति
इस अंधविश्वास की उत्पत्ति काफी समय पहले हुई थी, लेकिन इसके सटीक कारणों का पता नहीं है। कुछ मानते हैं कि यह ईसा मसीह के अंतिम भोज से जुड़ा हुआ है, जिसमें 13 लोग शामिल थे, जिनमें से एक यहूदा इस्करियोती था जिसने यीशु को धोखा दिया था।
दूसरों का मानना है कि यह नॉर्स मिथकों से जुड़ा हुआ है, जहां 12 देवताओं के एक भोज में लोकी नामक एक शरारती देवता को 13वें अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था, जिससे अराजकता और मृत्यु हुई थी।
शुक्रवार और 13 के साथ जुड़े अंधविश्वास
शुक्रवार और 13 से जुड़े कई अंधविश्वास हैं, जिनमें शामिल हैं:
- इस दिन यात्रा करने से दुर्भाग्य होता है।
- इस दिन नए काम शुरू करने से बचना चाहिए।
- इस दिन काले रंग की बिल्लियां देखना अशुभ होता है।
- इस दिन दर्पण टूटना बहुत बुरा शगुन माना जाता है।
- इस दिन 13 लोगों का एक साथ भोजन करना अशुभ होता है।
वैज्ञानिक तथ्य
वैज्ञानिक रूप से, शुक्रवार और 13 के बीच कोई संबंध नहीं है। लेकिन, इस अंधविश्वास से जुड़े मनोवैज्ञानिक कारक हो सकते हैं।
जो लोग इस अंधविश्वास में विश्वास करते हैं वे इस दिन अधिक सतर्क रहते हैं, जिससे छोटी-मोटी परेशानियों की संभावना बढ़ जाती है। इसे "स्व-पूर्ति भविष्यवाणी" के रूप में जाना जाता है।
निष्कर्ष
शुक्रवार और 13 का अंधविश्वास एक पुरानी और व्यापक मान्यता है, लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। हालांकि, यह विश्वास कई लोगों में गहराई से समाहित है और इस दिन वे सावधानी बरतते हैं। चाहे आप इस अंधविश्वास में विश्वास करते हों या नहीं, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि शुभ और अशुभ केवल मानवीय धारणाएं हैं और वास्तविकता में उनका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।