भारतीय नौसेना दिवस
भारत की रक्षा में समुद्री योद्धाओं का योगदान
भारतीय नौसेना दिवस प्रतिवर्ष 4 दिसंबर को मनाया जाता है ताकि देश के प्रति भारतीय नौसेना की उपलब्धियों और भूमिका को मान्यता दी जा सके। 4 दिसंबर को इसलिए चुना गया था क्योंकि 1971 में इसी दिन, ऑपरेशन ट्राइडेंट के दौरान, भारतीय नौसेना ने पाकिस्तानी नौसेना को करारी हार दी थी और कराची बंदरगाह पर हमला किया था।
भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति है और भारत की समुद्री सीमाओं की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसमें 1,198 जहाजों और पनडुब्बियों के साथ दुनिया की चौथी सबसे बड़ी नौसेना है। भारतीय नौसेना के पास जंगी जहाजों, पनडुब्बियों, फ्रिगेट्स, विध्वंसक और विमान वाहक सहित विभिन्न प्रकार के जहाज हैं। इसके पास समुद्री टोही और निगरानी के लिए विमानों और हेलीकॉप्टरों का एक बड़ा बेड़ा भी है।
भारतीय नौसेना संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में भी सक्रिय रूप से भाग लेती रही है, जिसमें सोमालिया में ऑपरेशन एटलान्टा और लेबनान में यूएनआईएफआईएल-II शामिल हैं। नौसेना ने आपदा राहत संचालन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जैसे कि 2004 की सुनामी और 2015 की नेपाल भूकंप के बाद के प्रयासों में।
भारतीय नौसेना दिवस मनाने के लिए, नौसेना कई कार्यक्रम और गतिविधियाँ आयोजित करती है। इनमें परेड, फ्लाई-पास्ट, नौसेना जहाजों के दौरे और हथियारों के प्रदर्शन शामिल हैं। इस दिन, भारतीय नौसेना के शहीदों को भी श्रद्धांजलि दी जाती है।
भारतीय नौसेना दिवस एक गर्व का अवसर है जब हम अपने समुद्री योद्धाओं को उनकी बहादुरी और बलिदान के लिए सलाम करते हैं। उनकी निरंतर सतर्कता और उनकी अटल प्रतिबद्धता से भारत की समुद्री सीमाएं सुरक्षित रहती हैं और हमारे देश को खतरों से मुक्त रखा जाता है।