भारतीय संविधान दिवस




भारतीय संविधान, जिसे 'समविधान दिवस' के रूप में भी जाना जाता है, भारत में हर साल 26 नवंबर को अपनाया जाता है, ताकि संविधान के निर्माण को याद किया जा सके। 26 नवंबर, 1949 को भारत की संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया, जो 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ।

संविधान सभा की भूमिका

भारत के संविधान को बनाने की जिम्मेदारी संविधान सभा को सौंपी गई थी, जिसका गठन 9 दिसंबर, 1946 को हुआ था। संविधान सभा में कुल 389 सदस्य थे, जिनमें से 299 ब्रिटिश भारत के प्रांतों और रियासतों के निर्वाचित सदस्य थे। बाकी सदस्य रियासतों के मनोनीत सदस्य थे।

संविधान का मसौदा तैयार करना

संविधान सभा ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में एक मसौदा समिति का गठन किया। मसौदा समिति ने संविधान का मसौदा तैयार करने का काम किया, जिसमें दुनिया के कई संविधानों का अध्ययन किया गया।

संविधान की विशेषताएं

भारतीय संविधान एक लिखित संविधान है, जो दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। इसमें 395 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं। संविधान मौलिक अधिकारों, मौलिक कर्तव्यों, नागरिकों के निर्देशक सिद्धांतों, न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका की संरचना और कार्यों के बारे में बताता है।

संविधान का महत्व

भारतीय संविधान भारत के नागरिकों को मौलिक अधिकार प्रदान करता है, जैसे जीवन का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार और समानता का अधिकार। यह सरकार की शक्तियों को सीमित करता है और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है। संविधान एक जीवित दस्तावेज है, जिसे समय-समय पर संशोधित किया गया है ताकि बदलते समाज की जरूरतों को पूरा किया जा सके।