भारत के गणतंत्र दिवस की परेड की अनसुनी कहानियाँ




आप 26 जनवरी की भव्य परेड देखते रहे होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं परेड की तैयारियों के पीछे के किस्से? आइए आपको गणतंत्र दिवस की परेड की कुछ दिलचस्प अनसुनी कहानियाँ सुनाते हैं।

एक हाथी की कहानी

एक बार एक हाथी को परेड के लिए तैयार किया जा रहा था। लेकिन हाथी को भीड़ का सामना करने में डर लग रहा था। उसे नियंत्रित करने के सभी प्रयास विफल हो गए। आखिरकार, ट्रेनर ने एक दिलचस्प तरीका अपनाया। उसने हाथी को एक बड़े से घास के ढेर के सामने रखा और उससे घास खाने के लिए कहा। जैसे-जैसे हाथी घास खा रहा था, ट्रेनर ने धीरे-धीरे ढेर को भीड़ की ओर ले जाना शुरू कर दिया। हाथी को एहसास हुआ ही नहीं कि वह भीड़ के सामने आ गया है और वो शांति से आगे बढ़ता गया।

एक बाज की उड़ान

एक और बार, एक बाज को परेड के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा था। लेकिन बाज को किसी ना किसी कारण से देर हो रही थी। चिंता बढ़ने लगी और तभी बाज तेजी से उड़ता हुआ दिखाई दिया। पता चला, बाज उड़ते हुए अपने पसंदीदा चूजे के पीछे गया था जो परेड के मैदान से बाहर भाग गया था। बाज ने चूजे को पकड़ा और उसे परेड के मैदान वापस ले आया। सभी ने बाज की समझदारी की तारीफ की।

एक सैनिक की बहादुरी

एक बार, एक सैनिक को परेड के दौरान गार्ड ऑफ ऑनर देना था। लेकिन अचानक सैनिक के पैर से जूता निकल गया और मैदान पर गिर गया। सैनिक के पास जूता उठाने का समय नहीं था। ऐसे में उसने जल्दी से एक पैर पर संतुलन बनाते हुए गार्ड ऑफ ऑनर पूरा किया। उसकी बहादुरी और पेशेवरता की सभी ने सराहना की।

एक बच्चे का उत्साह

एक बार, एक छोटा बच्चा परेड देख रहा था। बच्चा बहुत उत्साहित था और उसने अपना पसंदीदा खिलौना भालू भी साथ ले आया था। अचानक, भालू बच्चे के हाथ से छूटकर परेड के बीच में जा गिरा। बच्चा रोने लगा। लेकिन एक सैनिक दौड़ा आया और उसने भालू को उठाकर बच्चे को वापस सौंप दिया। बच्चा इतना खुश हुआ कि वो सैनिक का शुक्रिया अदा करते नहीं थका।

एक राष्ट्र का उत्सव

गणतंत्र दिवस की परेड एक राष्ट्र के उत्सव का प्रतीक है। यह हमारे सैनिकों की बहादुरी, हमारी संस्कृति की विविधता और हमारे देश के प्रति हमारे प्यार को दर्शाता है। परेड की ये अनसुनी कहानियाँ हमें उन लोगों के जुनून और समर्पण की याद दिलाती हैं जो इसे हर साल इतना भव्य बनाते हैं।