भारत में इस साल अब तक एमपॉक्स के 30 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 7 मामले तो सिर्फ दिल्ली से सामने आए हैं। गुजरात और केरल में भी इस बीमारी से मौत हो चुकी है। भारत में सामने आए सभी मामले पुरुषों में हैं और इनमें से अधिकतर लोग या तो विदेश यात्रा कर चुके हैं या फिर किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आए हैं जो विदेश से आया था।
भारत में एमपॉक्स के अधिकांश मामले माइल्ड रहे हैं। लेकिन, कुछ मामलों में मरीजों को बुखार, शरीर में दर्द, दाने और लिम्फ नोड्स में सूजन जैसे लक्षण दिखाई दिए हैं।
एमपॉक्स की सबसे बड़ी चिंता यह है कि यह एक तेजी से फैलने वाला वायरस है। यह वायरस किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने, उसके द्वारा इस्तेमाल की गई चीजों को छूने या संक्रमित जानवर से काटे जाने से फैल सकता है।
एमपॉक्स से बचाव के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि संक्रमित लोगों से संपर्क करने से बचा जाए। इसके अलावा, नियमित रूप से हाथ धोना, संक्रमित लोगों या जानवरों को छूने से बचना और बीमार होने पर घर पर रहना भी महत्वपूर्ण है।
एमपॉक्स के लक्षणएमपॉक्स का कोई विशिष्ट इलाज नहीं है। लेकिन, लक्षणों का इलाज करने के लिए दवाएं दी जा सकती हैं। एमपॉक्स के मरीजों को आमतौर पर आराम करने और तरल पदार्थ पीने की सलाह दी जाती है।
एमपॉक्स के बारे में मिथकयह एक मिथक है। एमपॉक्स यौन संपर्क के जरिए फैल सकता है, लेकिन यह एक यौन संचारित रोग (एसटीडी) नहीं है।
एमपॉक्स से मौत हो सकती है।यह एक मिथक है। अधिकांश एमपॉक्स मामले माइल्ड होते हैं और मृत्यु दुर्लभ है।
एमपॉक्स का कोई इलाज नहीं है।यह एक मिथक है। एमपॉक्स का कोई विशिष्ट इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों का इलाज करने के लिए दवाएं दी जा सकती हैं।