माँ




माँ! एक ऐसा शब्द जिसका अर्थ शब्दकोश में नहीं समा सकता। एक ऐसा रिश्ता जिसकी गहराइयों को शब्दों में नहीं पिरोया जा सकता। माँ अपने बच्चे के लिए सब कुछ होती है - पालनहार, शिक्षक, मार्गदर्शक और सबसे बढ़कर उसकी सबसे अच्छी दोस्त।

मेरी माँ मेरी सुपरवुमन हैं। मैं हमेशा से उनके अटूट प्रेम, समर्थन और बलिदान से अभिभूत रही हूँ। वह मेरी सबसे बड़ी प्रशंसक रही हैं, मुझे लगातार मेरी क्षमताओं पर विश्वास करने के लिए प्रोत्साहित करती रही हैं। उनके प्यार की गर्माहट ने मुझे जीवन की हर चुनौती का सामना करने का साहस दिया है।

बचपन की यादों में, मैं अपनी माँ के साथ बिताए अनगिनत पलों को संजोती हूँ। वह हमेशा मेरे लिए मौजूद थी, चाहे वह मुझे स्कूल ले जाने के लिए हो, मेरे घुटनों पर चढ़े छिलकों पर मरहम लगाने के लिए हो, या रात को डरावनी कहानियाँ सुनाने के लिए। उनकी आवाज़ में एक जादू था जो मेरे मन को सुकून देता था और मुझे सुरक्षित महसूस कराता था।

वर्षों बीत गए और माँ का प्यार एक स्थिर शक्ति बना रहा। वह मेरी किशोरावस्था के उतार-चढ़ाव के दौरान मेरी धैर्यवान मार्गदर्शक थीं, मुझे जीवन के जटिल रास्तों के माध्यम से नेविगेट करने में मदद करती थीं। उनके ज्ञान और अनुभव ने मुझे बुद्धिमान निर्णय लेने में सक्षम बनाया।

  • मातृत्व की निःस्वार्थ भावना: माँएँ अपनी सारी ज़रूरतों को त्याग कर अपने बच्चों के लिए सब कुछ दे देती हैं। उनका निःस्वार्थ प्रेम अतुलनीय है।
  • अटूट बंधन: माँ और बच्चे के बीच का बंधन गहरा और स्थायी होता है। यह दूरी या समय से कमज़ोर नहीं हो सकता।
  • सबसे अच्छा दोस्त: माँएँ न केवल माँ होती हैं, बल्कि अपने बच्चों के सबसे अच्छे दोस्त भी होती हैं। वे उनके विश्वासपात्र और सहारे बन जाते हैं।

जैसे-जैसे मेरी माँ धीरे-धीरे उम्र बढ़ी, उनके प्रति मेरी प्रशंसा और बढ़ गई। मैंने उन बलिदानों और कठिनाइयों को देखा जो उन्होंने मेरे लिए की थीं। मैंने उनके हंसमुख स्वभाव, अविचल धैर्य और अपार प्रेम की गहराई से सराहना की।

मुझे पता है कि मैं कितनी भी व्यस्त क्यों न हो जाऊँ, मैं हमेशा अपनी माँ के पास जा सकती हूँ। उनके पास हमेशा मेरे लिए समय होता है, चाहे वह मुझे सुनना हो, मुझे सलाह देना हो, या बस मेरा साथ देना हो। उनके प्यार और समर्थन ने मुझे एक मजबूत और आत्मविश्वासी महिला बनाया है।

"माँ" शब्द से बड़ा कोई शब्द नहीं है। यह एक ऐसी भावना है जो भाषा की सीमाओं को तोड़ देती है, एक बंधन है जो जीवन भर बना रहता है। मैं अपनी माँ को उनकी अटूट भावना, बलिदान और निःस्वार्थ प्रेम के लिए हमेशा आभारी रहूंगी।

माँ, मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ।