मकर संक्रांति का रंगीन त्योहार




सर्दियों के अंत और वसंत की शुरुआत का प्रतीक, मकर संक्रांति भारत भर में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाने वाला एक रंगीन त्योहार है। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का प्रतीक, यह त्योहार फसल की कटाई और नए साल की शुरुआत का भी प्रतीक है।

गुजरात का पतंगबाजी उत्सव

गुजरात में, मकर संक्रांति को अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव के साथ मनाया जाता है, जो अहमदाबाद और अन्य शहरों में आयोजित किया जाता है। हजारों रंगीन पतंगें आसमान को ढँक लेती हैं, जिससे एक शानदार दृश्य बनता है। पतंगबाजी एक प्रतियोगिता है, और सबसे ऊंची उड़ने वाली पतंग के मालिक को पुरस्कार दिया जाता है।

दक्षिण भारत का पोंगल उत्सव

तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में, मकर संक्रांति को पोंगल के रूप में जाना जाता है। यह तीन दिनों तक चलने वाला त्योहार फसल की कटाई और भगवान सूर्य की पूजा के लिए समर्पित है। पोंगल शब्द तमिल शब्द "पोगु" से आया है, जिसका अर्थ है "उबलना"। त्योहार का मुख्य आकर्षण पोंगल का बर्तन है, जो दूध और चावल से भरा हुआ है, जो उबालकर बाहर निकल जाता है।

उत्तर भारत का लोहड़ी उत्सव

पंजाब और हरियाणा में, मकर संक्रांति को लोहड़ी के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार सर्दियों के अंत और फसल की कटाई की खुशी का प्रतीक है। लोहड़ी की रात में, अलाव जलाए जाते हैं और लोग अपने परिवारों और दोस्तों के साथ इकट्ठा होते हैं। पारंपरिक पंजाबी व्यंजनों का आनंद लिया जाता है, जैसे सरसों का साग और मक्की की रोटी।

अद्वितीय परंपराएँ

मकर संक्रांति के साथ कई अद्वितीय परंपराएँ जुड़ी हुई हैं। बिहार में, लोग "दही-चुरा" का आनंद लेते हैं, जो दही और चावल का एक मीठा मिश्रण है। महाराष्ट्र में, इस दिन तिल के लड्डू और चिक्की खाई जाती है। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में, लोग गन्ने के रस का आनंद लेते हैं, जो इस मौसम में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।

सांस्कृतिक महत्व

मकर संक्रांति न केवल एक त्योहार है बल्कि भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। यह फसल की कटाई के मौसम, नए साल की शुरुआत और सूर्य पूजा का प्रतीक है। इस त्योहार के सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व को अक्सर पारंपरिक गीतों, नृत्यों और कला में व्यक्त किया जाता है।

निष्कर्ष

मकर संक्रांति भारत का एक जीवंत और रंगीन त्योहार है जो संस्कृति, परंपरा और उत्सव को एक साथ लाता है। चाहे पतंगबाजी का रोमांच हो, पोंगल का स्वाद हो, या लोहड़ी की गर्माहट, यह त्योहार भारतीय लोगों के जीवन में खुशी और समृद्धि का अवसर लाता है।