मोक्ष एकादशी 2024




दिनेश कांडपाल द्वारा

एकादशी का महत्व

हिंदू धर्म में एकादशी को एक पवित्र दिन माना जाता है जो भगवान विष्णु को समर्पित है। एकादशी एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है "ग्यारह"। यह महीने के प्रत्येक पखवाड़े (शुक्ल और कृष्ण) के ग्यारहवें दिन पड़ता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु का व्रत करने से मोक्ष (जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति) प्राप्त होता है।

मोक्ष एकादशी 2024

वर्ष 2024 में, मोक्ष एकादशी बुधवार, 29 मई को पड़ेगी। यह कृष्ण पक्ष (अमावस्या के बाद) की एकादशी है। इस दिन भक्त भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और निर्जला उपवास रखते हैं।

एकादशी की कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार, मोक्ष एकादशी की उत्पत्ति समुद्र मंथन की कथा से हुई है। जब देवताओं और असुरों ने अमृत प्राप्त करने के लिए समुद्र का मंथन किया, तो विष कालकूट निकला। भगवान शिव ने विष को पिया और उसका प्रभाव कम करने के लिए भगवान विष्णु ने उनसे अनुरोध किया कि वे विष को अपने हृदय में रखें। भगवान विष्णु ने ऐसा ही किया और विष से उनके शरीर का रंग नीला हो गया। तब से, भगवान विष्णु को नीलकंठ के नाम से जाना जाता है।

मोक्ष एकादशी का व्रत

मोक्ष एकादशी का व्रत बहुत कठिन व्रत माना जाता है। इस दिन भक्त निर्जला व्रत रखते हैं, जिसका अर्थ है कि वे पूरे दिन कुछ भी नहीं खाते या पीते हैं। व्रत का पालन करने वाले भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। वे मंदिरों में जाकर पूजा भी करते हैं। शाम को, वे भगवान विष्णु की आरती करते हैं और द्वादशी तिथि शुरू होने पर व्रत तोड़ते हैं।

व्रत का महत्व

ऐसा माना जाता है कि मोक्ष एकादशी व्रत करने से भक्तों के सभी पाप धुल जाते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह व्रत पापों से बचने, पुण्य कमाने और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का एक अवसर है।

मेरा अनुभव

मैं पिछले कई वर्षों से मोक्ष एकादशी का व्रत रख रहा हूं। यह एक कठिन व्रत है, लेकिन इसकी आध्यात्मिक शक्ति जबरदस्त है। व्रत के दौरान, मैं भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करता हूं और उनके बारे में सोचता हूं। यह मुझे अपने भीतर की शांति और पवित्रता को महसूस करने में मदद करता है।

आपको भी करना चाहिए व्रत

यदि आप अपने आध्यात्मिक विकास के लिए कुछ खोज रहे हैं, तो मैं आपको मोक्ष एकादशी का व्रत करने का सुझाव दूंगा। यह एक कठिन व्रत है, लेकिन इसके लाभ दीर्घकालिक हैं। यह व्रत आपको न केवल पापों से मुक्त करेगा, बल्कि आपको मोक्ष के मार्ग पर भी अग्रसर करेगा।