मनमोहन सिंह: भारत के आर्थिक सुधारों के जनक




आज के दौर में, जब आर्थिक विकास और समृद्धि की बात आती है, तो एक ऐसा नाम अवश्य आता है जिसने भारत के आर्थिक परिदृश्य को हमेशा के लिए बदल दिया। यह नाम है डॉ. मनमोहन सिंह।
एक विनम्र पृष्ठभूमि से आते हुए, मनमोहन सिंह ने अर्थशास्त्र में अपनी उत्कृष्टता से अपने करियर की शुरुआत की। वह 1991 में प्रधान मंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली सरकार में वित्त मंत्री बने, और यह वह दौर था जिसने भारत की आर्थिक नीतियों में एक क्रांति ला दी।
सिंह द्वारा शुरू किए गए आर्थिक सुधारों को "सिंह सुधार" के रूप में जाना जाता है। इन सुधारों में व्यापार उदारीकरण, विनियमन और सार्वजनिक क्षेत्र की भागीदारी को कम करना, और विदेशी निवेश को आकर्षित करना जैसे उपाय शामिल थे। ये सुधार कई वर्षों से चले आ रहे संरक्षणवादी और समाजवादी नीतियों से एक बड़ा बदलाव थे।
सिंह के सुधारों के परिणाम नाटकीय थे। भारत ने एक अभूतपूर्व आर्थिक उछाल का अनुभव किया, जो 6% से अधिक की औसत वार्षिक विकास दर से प्रेरित था। विदेशी निवेश में वृद्धि हुई, और भारत वैश्विक बाजार का एक प्रमुख खिलाड़ी बन गया।
सिंह की नीतियों को उनकी दूरदर्शिता और साहस के लिए सराहा गया। उनका मानना था कि भारत को अपने पुराने, समाजवादी तरीकों को छोड़ना होगा और वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ जुड़ना होगा। उन्होंने कई कठोर निर्णय लिए, जिनमें सरकारी सब्सिडी और खर्च में कटौती करना भी शामिल था।
हालाँकि, सिंह के सुधारों की आलोचना भी हुई। कुछ आलोचकों का तर्क था कि सुधारों ने असमानता और गरीबी को बढ़ाया। दूसरों ने तर्क दिया कि सुधारों ने भारतीय बाजारों को विदेशी कंपनियों के लिए खोल दिया, जिससे घरेलू उद्योगों को नुकसान पहुंचा।
आलोचनाओं के बावजूद, सिंह के सुधारों को भारत के आर्थिक परिवर्तन में एक मील का पत्थर माना जाता है। उनके नेतृत्व में, भारत एक बंद और संरक्षित अर्थव्यवस्था से एक तेजी से बढ़ती, वैश्विक अर्थव्यवस्था में बदल गया।
मनमोहन सिंह न केवल एक महान अर्थशास्त्री थे, बल्कि एक असाधारण राजनेता भी थे। उन्होंने 2004 से 2014 तक भारत के प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया, और उनके नेतृत्व में देश ने महत्वपूर्ण प्रगति की। उनके कार्यकाल के दौरान, भारत ने एक मजबूत आर्थिक वृद्धि का अनुभव किया, और सामाजिक कल्याण योजनाओं में भी значи सुधार हुआ।
सिंह एक नम्र और विनम्र व्यक्ति थे, जिन्हें उनकी बुद्धि और अखंडता के लिए जाना जाता था। वह हमेशा गरीबों और वंचितों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध थे, और उनकी नीतियों ने लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए।
मनमोहन सिंह का निधन 21 मई, 2021 को 89 वर्ष की आयु में हो गया। उन्होंने भारतीय इतिहास पर एक अमिट छाप छोड़ी, और उन्हें भारत के महानतम आर्थिक सुधारकों में से एक के रूप में याद किया जाएगा। उनके सुधारों का भारत की आने वाली पीढ़ियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ना जारी रहेगा।