मनु भाकर: ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला




मनु भाकर, भारत की सबसे होनहार और प्रसिद्ध महिला निशानेबाजों में से एक हैं। अपने असाधारण कौशल और ओलंपिक में देश के लिए पहला स्वर्ण पदक जीतने के सपने के साथ, मनु ने निशानेबाजी की दुनिया में एक अमिट छाप छोड़ी है।

हरियाणा के झज्जर जिले के एक छोटे से गांव गोपालपुर से ताल्लुक रखने वाली मनु, बचपन से ही निशानेबाजी की शौकीन थीं। 12 साल की उम्र में, उन्होंने अपने गांव के एक शूटिंग रेंज में प्रशिक्षण लेना शुरू किया, और जल्द ही अपनी प्रतिभा की चमक दिखाना शुरू कर दिया।

अपने शुरुआती दिनों से ही, मनु की दृढ़ता और समर्पण असाधारण था। वह लगातार अभ्यास करती थीं, चाहे कितनी भी कठिन परिस्थितियाँ हों। उनकी प्रतिभा और कड़ी मेहनत जल्द ही रंग लाई, और उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों प्रतियोगिताओं में पदक जीतना शुरू कर दिया।

मनु की सबसे बड़ी उपलब्धि 2018 आईएसएसएफ जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में आई, जहां उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में स्वर्ण पदक जीता। यह किसी भारतीय जूनियर महिला निशानेबाज द्वारा पहला स्वर्ण पदक था। इस सफलता ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई और उन्हें 2020 टोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया।

ओलंपिक में, मनु ने अपनी क्षमता के चरम प्रदर्शन से सभी को चकित कर दिया। उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में क्वालीफिकेशन राउंड में शीर्ष स्थान हासिल किया और फाइनल में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 244.8 अंक बनाकर स्वर्ण पदक जीता, और इस तरह भारत के लिए ओलंपिक में निशानेबाजी में पहला स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया।

  • ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला
  • आईएसएसएफ जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय जूनियर महिला निशानेबाज
  • एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में कई पदक जीते

मनु की सफलता ने भारत में निशानेबाजी के खेल को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। वह युवा निशानेबाजों के लिए एक प्रेरणा हैं और उन्होंने साबित किया है कि दृढ़ता और कड़ी मेहनत से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। भारत के निशानेबाजी परिदृश्य में मनु भाकर का सितारा निश्चित रूप से कई सालों तक चमकता रहेगा।