मुंबई बोट अपघात एक भयानक घटना थी जिसने देश को झकझोर कर रख दिया। 13 लोगों की मौत और कई के घायल होने की इस दुखद दुर्घटना ने कई सवाल खड़े किए हैं।
घटना तब हुई जब एक भारतीय नौसेना की स्पीडबोट गेटवे ऑफ इंडिया के पास एक यात्री नौका से टकरा गई। नौका एलीफेंटा द्वीप जा रही थी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि नौका पलट गई, जिससे कई लोगों को समुद्र में फेंक दिया गया।
घायलों को निकट के अस्पतालों में ले जाया गया। घायलों में से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। मृतकों में नौसेना के तीन जवान भी शामिल हैं।
इस घटना पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी मृतकों के परिजनों को अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।
इस घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं। नौसेना और पुलिस इस घटना की जांच कर रही है। इस दुखद घटना से कई सवाल उठे हैं, जिनमें यह भी शामिल है कि नौसेना की स्पीडबोट को यात्री नौका के इतने करीब क्यों अनुमति दी गई थी।
इस घटना से नौसेना के प्रशिक्षण और सुरक्षा प्रोटोकॉल पर भी सवाल उठे हैं। इस घटना से यह भी पता चलता है कि समुद्र में यात्रा करते समय सुरक्षा सावधानियों का पालन करना कितना महत्वपूर्ण है।