मुंबई में बढ़ता तापमान, शहरवासियों के लिए मुश्किलें बढ़ीं!




मुंबई, भारत का एक महानगरीय शहर, लंबे समय से अपने उमस भरे और नम मौसम के लिए जाना जाता है। लेकिन हाल के वर्षों में, शहर के तापमान में वृद्धि हुई है, जिससे निवासियों के लिए जीवन कठिन हो गया है।
मौसम विभाग के अनुसार, पिछले दशक में मुंबई का औसत तापमान 2°C तक बढ़ गया है। ग्रीष्मकाल के महीनों में बढ़ोतरी और भी खतरनाक रही है, तापमान अक्सर 40°C तक पहुंच जाता है।
बढ़ते तापमान के नकारात्मक प्रभाव कई हैं। गर्मी से लू लगने और डिहाइड्रेशन जैसी स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। इससे वायु प्रदूषण भी बढ़ जाता है, क्योंकि गर्मी हवा में धूल और अन्य कणों को निलंबित करती है।
"मुझे याद है कि कुछ साल पहले, मुंबई में गर्मी इतनी तेज नहीं थी। अब, गर्मियों में बाहर निकलना असंभव है। यह आपको तुरंत कमजोर कर देता है," - मुंबई निवासी मनीषा शर्मा।
बढ़ता तापमान शहर के बुनियादी ढांचे पर भी दबाव डाल रहा है। बिजली की मांग में वृद्धि ने पावर ग्रिड को तनाव में डाल दिया है, जिससे बिजली कटौती हुई है। पानी की कमी भी एक प्रमुख चिंता बन गई है, क्योंकि गर्मी से जलाशय तेजी से सूख रहे हैं।
मुंबई शहर प्रशासन बढ़ते तापमान को कम करने के प्रयास कर रहा है। इसमें हरियाली बढ़ाना, इमारतों को सफेद करना और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना शामिल है। हालाँकि, इन उपायों का अभी तक अधिक प्रभाव नहीं पड़ा है।
"हमें इस समस्या से निपटने के लिए और अधिक करने की आवश्यकता है। हम नहीं चाहेंगे कि मुंबई एक रहने योग्य शहर बन जाए," - पर्यावरण कार्यकर्ता प्रीति मेनन।
मुंबई का बढ़ता तापमान एक गंभीर चिंता है जो शहरवासियों के जीवन को प्रभावित कर रहा है। तापमान को कम करने और शहर को अधिक रहने योग्य बनाने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।