माँ-बच्चे के पवित्र बंधन को मज़बूत बनाने वाली NPS वात्सल्य योजना
सरकार द्वारा हाल ही में शुरू की गई "NPS वात्सल्य योजना" माँ-बच्चे के पवित्र बंधन को मज़बूत करने के उद्देश्य से एक सराहनीय कदम है। इस योजना के आने से माता-पिता और अभिभावक अपने नाबालिग बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने में सक्षम होंगे।
योजना की ख़ासियतें:
माता-पिता या अभिभावक अपने नाबालिग बच्चों (18 वर्ष तक) के लिए खाता खोल सकेंगे।
योजना में न्यूनतम योगदान ₹1000 प्रति वर्ष है, जिसमें कोई निश्चित ऊपरी सीमा नहीं है।
योजना की परिपक्वता अवधि 50 वर्ष है, यानी जब बच्चा 60 वर्ष का होगा।
माता-पिता या अभिभावक अपनी सुविधानुसार योजना में योगदान कर सकते हैं।
लाभ:
इस योजना के माध्यम से बच्चे की शिक्षा, स्वास्थ्य और वित्तीय ज़रूरतों के लिए एक वित्तीय आधार तैयार किया जा सकता है।
नियमित योगदान से बच्चे में बचत की आदत विकसित होगी।
योजना परिपक्व होने पर बच्चे को एकमुश्त रकम मिलेगी, जिससे वह अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकेगा।
पात्रता:
भारतीय नागरिक और अनिवासी भारतीय (NRI) अपने नाबालिग बच्चों के लिए खाता खोल सकते हैं।
माता-पिता या अभिभावकों के पास वैध पहचान प्रमाण होना चाहिए।
कैसे करें निवेश:
माता-पिता या अभिभावक किसी भी NPS कार्यालय या बैंक शाखा में जाकर खाता खोल सकते हैं।
ऑनलाइन पंजीकरण और निवेश भी किया जा सकता है।
निष्कर्ष:
एनपीएस वात्सल्य योजना माँ-बच्चे के बंधन को और मज़बूत करती है। यह योजना माता-पिता और अभिभावकों को अपने बच्चों के भविष्य की ज़रूरतों को पूरा करने की चिंता को दूर करने में मदद करेगी। इस योजना में निवेश करके, वे अपने बच्चों को उनके सपनों को पूरा करने और एक उज्ज्वल भविष्य बनाने के लिए सक्षम बना सकते हैं।