डॉ. किंग का जन्म 15 जनवरी, 1929 को अटलांटा, जॉर्जिया में हुआ था। उनके पिता एक बैप्टिस्ट मंत्री थे, और उनकी माँ एक स्कूली शिक्षिका थीं। किंग को कम उम्र में ही नस्लवाद और भेदभाव का सामना करना पड़ा। वह अक्सर अपने गोरे सहपाठियों द्वारा तंग किया जाता था, और उसे "सफेद" पानी के फव्वारे से पानी पीने से मना किया जाता था।
हालाँकि, किंग अपने विश्वास में अडिग थे कि सभी लोग समान बनाए गए हैं। उन्होंने अहिंसा और सविनय अवज्ञा के सिद्धांतों का पालन किया, और उन्होंने नस्लवाद और भेदभाव के खिलाफ लड़ने के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शनों का नेतृत्व किया।
डॉ. किंग का सबसे प्रसिद्ध भाषण "आई हैव ए ड्रीम" था, जिसे उन्होंने 28 अगस्त, 1963 को वाशिंगटन, डी.सी. में लिंकन मेमोरियल के कदमों पर दिया था। भाषण ने नागरिक अधिकार आंदोलन को प्रभावी ढंग से बढ़ावा दिया, और यह अमेरिकी इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण भाषणों में से एक माना जाता है।डॉ. किंग को 4 अप्रैल, 1968 को मेम्फिस, टेनेसी में जेम्स अर्ल रे नामक एक नस्लवादी व्यक्ति ने गोली मार दी थी। वह अपने समय से पहले ही दुनिया से चले गए, परंतु उनकी विरासत आज भी हमारे साथ है। उनके सपने समानता, न्याय और भाईचारे के मूल्यों पर आधारित थे, और वे आज भी हमारे समाज की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।
डॉ. किंग एक महान नेता थे जिन्होंने अमेरिकी इतिहास पर अमिट छाप छोड़ी। उनकी विरासत सदियों तक हमारे साथ रहेगी, और उनके सपने सभी के लिए एक बेहतर दुनिया के निर्माण के लिए एक मार्गदर्शक प्रकाश बने रहेंगे।