मुहम्मद यूनुस: ग्रामीण बैंकिग के जनक





परिचय:
मुहम्मद यूनुस, बंग्लादेश में जन्मे एक अर्थशास्त्री और समाज सुधारक, ग्रामीण बैंकिंग के जनक के रूप में जाने जाते हैं। ग्रामीण लोगों को सस्ते ऋण प्रदान करने के उनके अभिनव मॉडल ने दुनिया भर में लाखों लोगों के जीवन को बदल दिया है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:
यूनुस का जन्म 28 जून, 1940 को चटगांव, बंग्लादेश में हुआ था। उन्होंने चितगांव कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की और फिर अमेरिका में वेंडरबिल्ट विश्वविद्यालय में पीएचडी की।
ग्रामीण बैंक की स्थापना:
1976 में, यूनुस ने ग्रामीण बैंक की स्थापना की, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब लोगों को सूक्ष्म ऋण प्रदान करना था। उनके मॉडल में तीन प्रमुख विशेषताएं थीं: कोई संपार्श्विक नहीं, साप्ताहिक किस्तें और 90% से अधिक की वसूली दर।
समूह आधारित ऋण:
ग्रामीण बैंक का एक अनूठा पहलू समूह आधारित ऋण था। ऋण पाने के लिए, आवेदकों को छोटे समूहों में संगठित होना पड़ता था, जो एक-दूसरे के लिए जमानतदार के रूप में कार्य करते थे। इसने समूह के सदस्यों के बीच जिम्मेदारी की भावना पैदा की और वसूली दर में सुधार सुनिश्चित किया।
महिलाओं का सशक्तिकरण:
यूनुस महिला सशक्तिकरण के प्रबल समर्थक थे। ग्रामीण बैंक ने विशेष रूप से महिलाओं को ऋण प्रदान पर ध्यान केंद्रित किया, जिन्हें अक्सर पारंपरिक वित्तीय संस्थानों द्वारा अनदेखा किया जाता था। उनके ऋणों ने महिलाओं को छोटे व्यवसाय शुरू करने और आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने में सक्षम बनाया।
विश्वव्यापी प्रभाव:
ग्रामीण बैंक का मॉडल दुनिया भर में दोहराया गया है, जिससे गरीबी को कम करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद मिली है। यूनुस को उनके काम के लिए 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
विरासत:
मुहम्मद यूनुस एक दूरदर्शी और अभिनव विचारक थे, जिन्होंने ग्रामीण विकास में क्रांति ला दी। ग्रामीण बैंक का उनका मॉडल सामाजिक उद्यमिता का एक असाधारण उदाहरण है, जो प्रदर्शित करता है कि गरीबी को कैसे दूर किया जा सकता है और सामाजिक परिवर्तन लाया जा सकता है। उनकी विरासत आने वाले कई वर्षों तक लोगों को प्रेरित करती रहेगी।