मुहूर्त ट्रेडिंग: शुभ सवल पर शेयर मार्केट
मुहूर्त ट्रेडिंग भारतीय शेयर बाजार की एक अनोखी परंपरा है जो दिवाली के अवसर पर मनाई जाती है। यह एक विशेष रूप से शुभ समय होता है, जिसके दौरान व्यापारी शेयर बाजार में निवेश करते हैं।
यह एक तरह का प्रतीकात्मक व्यापार सत्र होता है जो बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर आयोजित किया जाता है। मुहूर्त ट्रेडिंग का समय आमतौर पर एक घंटे का होता है और यह दिवाली पूजा के दौरान लक्ष्मी पूजा के समय आयोजित किया जाता है।
इस घंटे को विशेष रूप से शुभ माना जाता है, यही वजह है कि बहुत से व्यापारी मानते हैं कि इस दौरान किए गए निवेश से आने वाले साल भर शुभ फल मिलते हैं। आम तौर पर, दिवाली के त्योहार के दौरान शेयर बाजार बंद रहता है, लेकिन मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए विशेष रूप से एक घंटे का सत्र रखा जाता है।
मुहूर्त ट्रेडिंग का इतिहास काफी पुराना है। माना जाता है कि इसकी शुरुआत 1957 में हुई थी, जब कुछ ब्रोकरों ने दिवाली की शाम को एक विशेष ट्रेडिंग सत्र आयोजित किया था। इस सत्र को व्यापारियों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली और धीरे-धीरे यह एक परंपरा बन गई।
वर्तमान समय में, मुहूर्त ट्रेडिंग भारतीय शेयर बाजार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। कई व्यापारी इस शुभ समय का उपयोग नए निवेश शुरू करने या अपने मौजूदा निवेश को फिर से संतुलित करने के लिए करते हैं। इसके अलावा, कुछ व्यापारी इस अवसर का उपयोग शेयर बाजार के बारे में जागरूकता फैलाने और नए निवेशकों को आकर्षित करने के लिए करते हैं।
हालांकि मुहूर्त ट्रेडिंग का कोई विशिष्ट लक्ष्य या रणनीति नहीं होती है, लेकिन कुछ सामान्य प्रथाएं हैं जो व्यापारी आमतौर पर इस दौरान अपनाते हैं। उदाहरण के लिए, कई व्यापारी इस समय सोने या चांदी जैसे कीमती धातुओं या फिर शुभ माने जाने वाले शेयरों में निवेश करना पसंद करते हैं।
कुल मिलाकर, मुहूर्त ट्रेडिंग भारतीय शेयर बाजार की एक अनूठी परंपरा है जो व्यापारियों के लिए शुभ निवेश करने का अवसर प्रदान करती है। भले ही यह एक प्रतीकात्मक सत्र है, लेकिन यह शेयर बाजार के प्रति लोगों की आस्था और उम्मीद को दर्शाता है।