महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (MSBSHE) ने 15 जुलाई को कक्षा 10 का परिणाम घोषित किया। इस साल, 95.3% विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं, जो पिछले साल के 95.52% से थोड़ा कम है।
राज्य के ठाणे जिले के एक सरकारी स्कूल की छात्रा स्वाति ने कहा, "मैं अपने नतीजों से बहुत खुश हूं। मैंने 95% अंक हासिल किए हैं। मैं इंजीनियर बनना चाहती हूं और अब इस लक्ष्य के करीब एक कदम आगे आ गई हूं।"
हालांकि, कुछ छात्रों ने महामारी के कारण परीक्षाओं को प्रभावित होने की बात कही है। एक अन्य छात्र विवेक ने कहा, "महामारी के कारण हमारी पढ़ाई बहुत प्रभावित हुई। हम स्कूल नहीं जा सके और ऑनलाइन कक्षाएं हमारे लिए बहुत उपयोगी नहीं थीं। फिर भी, मैं अपने नतीजों से संतुष्ट हूं।"
इस साल, 16 लाख से अधिक छात्रों ने एसएससी परीक्षा दी थी। परीक्षा 15 मार्च से 25 अप्रैल तक आयोजित की गई थी।
सफल छात्रों की प्रतिक्रियाएं:
असफल छात्रों की प्रतिक्रियाएं:
विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया:
शिक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, इस साल का एसएससी परिणाम महामारी के प्रभाव को दर्शाता है।
"महामारी के कारण छात्रों की पढ़ाई बहुत प्रभावित हुई है। ऑनलाइन कक्षाएं सभी छात्रों के लिए समान रूप से प्रभावी नहीं हैं। यह देखा गया कि गरीब और ग्रामीण इलाकों के छात्रों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है।" - शिक्षा विशेषज्ञ डॉ. अमिताभ पाठक
विशेषज्ञों ने छात्रों को सफलता के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा है कि वे असफलता को हार के रूप में न देखें।
"असफलता को सीखने के अवसर के रूप में लें। अपने कमजोर क्षेत्रों की पहचान करें और सुधार करें। याद रखें, असफलता स्थायी नहीं है, लेकिन आपकी सीख ही आपको सफलता की ओर ले जाएगी।" - शिक्षा विशेषज्ञ डॉ. नीना गुप्ता
महाराष्ट्र एसएससी परिणाम सभी छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उत्तीर्ण होने वाले छात्र अपनी आगे की पढ़ाई और करियर की ओर कदम बढ़ाएंगे, जबकि असफल होने वाले छात्रों को कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के माध्यम से अपनी कमियों पर काम करने की जरूरत है।