माँ चंद्रघंटा: नवरात्रि के तीसरे दिन की देवी




देवी चंद्रघंटा नवरात्रि के तीसरे दिन पूजी जाने वाली दुर्गा का तीसरा रूप है। उनका नाम उनके माथे पर वक्र के आकार के चंद्रमा से आया है, जो एक घंटे जैसा दिखता है।
माँ चंद्रघंटा को शक्ति और साहस की देवी माना जाता है। वह अपने भक्तों की रक्षा करती हैं और उन्हें बुरी शक्तियों से दूर रखती हैं। उनका वाहन एक बाघ है, जो शक्ति और दृढ़ता का प्रतीक है।
देवी चंद्रघंटा की पूजा से भक्तों को भय से मुक्ति मिलती है और वे आत्मविश्वास और साहस से भर जाते हैं। उन्हें समर्पण और साधना की देवी भी माना जाता है।
नवरात्रि के तीसरे दिन, भक्त भोर में स्नान करते हैं और देवी चंद्रघंटा की पूजा करते हैं। उन्हें लाल रंग के वस्त्र पहनाए जाते हैं और उन्हें लाल फूल, सिंदूर और नारियल भेंट किए जाते हैं। भक्त देवी चंद्रघंटा की कहानी पढ़ते हैं और उनकी आरती करते हैं।
मंत्र: ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः
तिथि: 26 सितंबर, 2023
व्रत: उपवास या हल्का भोजन
भोजन: फलाहार या दूध और फलों का सेवन
मान्यता: देवी चंद्रघंटा की पूजा से भक्तों को भय से मुक्ति मिलती है, आत्मविश्वास बढ़ता है और जीवन में सफलता प्राप्त होती है।