योगा इन गोल्डन टेम्पल अमृतसर




अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में योग का सत्र एक ऐसा अनुभव है जो आपको मंत्रमुग्ध कर देगा। मैं हमेशा से योग का अभ्यास करने का शौकीन रहा हूं, और जब मुझे पता चला कि मैं इसे स्वर्ण मंदिर के शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक परिवेश में कर सकता हूं, तो मैं इस अवसर को गंवाना नहीं चाहता था।
स्वर्ण मंदिर के मुख्य द्वार से प्रवेश करते ही, मुझे तुरंत शांति और सद्भाव की भावना ने भर दिया। सभी शोर और हलचल बस दूर हो गए, और मैं पवित्र सरोवर के शांत पानी की लहरों की आवाज़ को सुन सकता था। मैं मंदिर के परिक्रमा मार्ग के साथ चला, जो स्वर्ण मंदिर की भव्यता को अपने भीतर समाहित करता है।
योग सत्र मंदिर के अंदर एक छोटे से कमरे में आयोजित किया गया था। कमरा शांत और आरामदायक था, और फर्श पर रंगीन आसनों से ढका हुआ था। योग शिक्षक एक बुजुर्ग सज्जन थे, जिनकी आँखों में ज्ञान और शांति की चमक थी।
हमने मूल आसनों से शुरुआत की, जैसे सूर्य नमस्कार, वीरभद्रासन और त्रिकोणासन। शिक्षक स्पष्ट और सहायक था, और उसके निर्देशों का पालन करना आसान था। जैसे-जैसे हम अधिक उन्नत आसनों की ओर बढ़े, जैसे शीरषासन और पद्मासन, मुझे लगा जैसे मैं अपनी शारीरिक सीमाओं को आगे बढ़ा रहा हूं।
सत्र के दौरान, मंदिर के पवित्र कीर्तन की आवाज़ कमरे में गूँजती रही। संगीत ने एक शक्तिशाली और ध्यानपूर्ण वातावरण बनाया, जिससे मुझे अपने शरीर, मन और आत्मा के बीच एक गहरा संबंध महसूस हुआ। योग और कीर्तन का संयोजन एक अद्वितीय और परिवर्तनकारी अनुभव था।
सत्र के अंत में, मैं तरोताजा और ऊर्जावान महसूस कर रहा था। योग ने न केवल मेरे शरीर को लचीला बनाया था, बल्कि मेरे दिमाग को शांत और केंद्रित भी किया था। स्वर्ण मंदिर के पवित्र वातावरण ने मेरे अभ्यास को और भी अधिक सार्थक बना दिया।
मैं अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में योग के अपने अनुभव को कभी नहीं भूल पाऊंगा। यह एक ऐसी यात्रा थी जिसने मुझे शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्तर पर बदल दिया। यदि आप कभी अमृतसर जाएं, तो मैं आपको स्वर्ण मंदिर में योग का सत्र लेने की अत्यधिक अनुशंसा करूंगा। यह एक अनुभव है जो आपकी आत्मा को निश्चित रूप से छू लेगा।