योहन पूनावाला: वैक्सीन नायक से भ्रष्टाचार के आरोपी तक




कोविड-19 महामारी के दौरान उभरने वाले भारत के सबसे चर्चित चेहरों में से एक योहन पूनावाला का सफर एक रोलरकोस्टर रहा है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ के रूप में, उन्हें भारत वैक्सीन की राजधानी बनाने का श्रेय दिया गया। लेकिन हाल के वर्षों में, उनकी प्रतिष्ठा दागदार हुई है, उनके खिलाफ कई भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं।

वैक्सीन नायक

2020 की शुरुआत में, जब कोविड-19 ने दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया, तो पूनावाला खुद को इस महामारी से निपटने में अग्रणी पंक्ति में पाया। एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का भारत में उत्पादन करने वाला SII दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता बन गया। पूनावाला की नेतृत्व क्षमता और वैक्सीन उपलब्धता बढ़ाने के उनके प्रयासों के लिए व्यापक रूप से प्रशंसा की गई। उन्हें "वैक्सीन नायक" के रूप में सम्मानित किया गया, और उनकी कंपनी को भारत और उससे आगे लोगों को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का श्रेय दिया गया।

भ्रष्टाचार के आरोप

जैसे-जैसे महामारी कम हुई, पूनावाला की प्रतिष्ठा पर प्रश्न उठने लगे। 2021 में, भारतीय सीरम इंस्टीट्यूट पर कोविशील्ड वैक्सीन की आपूर्ति के लिए विदेशी देशों को तरजीह देने का आरोप लगाया गया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि पूनावाला ने सरकार के साथ समझौतों का उल्लंघन किया और वैक्सीन को अधिक लाभप्रद कीमत पर विदेशों में बेचा।

आरोपों ने और गति पकड़ी जब पता चला कि पूनावाला और उनके परिवार के पास लंदन में एक आलीशान संपत्ति थी। विपक्ष ने आरोप लगाया कि पूनावाला ने कोविड लाभांश से अवैध रूप से अपनी संपत्ति बढ़ाई है।

समस्याओं से घिरे

भ्रष्टाचार के आरोपों ने पूनावाला की प्रतिष्ठा को धूमिल कर दिया है। उन्हें राजनीतिक विरोध का सामना करना पड़ा है और एजेंसियों द्वारा उनकी जांच की भी जा रही है। आरोपों ने SII की वैश्विक प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचाया है।

भ्रष्टाचार के आरोपों के अलावा, पूनावाला कुछ विवादों में भी घिरे रहे हैं। 2022 में, उन्होंने कोविड वैक्सीन के बारे में गलत बयान देने के लिए कांग्रेस के एक नेता से माफी मांगने से इनकार कर दिया। उन्होंने यह भी दावा किया कि SII के शेयर बाजार में जाने की कोई योजना नहीं है, लेकिन बाद में इस निर्णय को पलट दिया।

क्या सच्चाई सामने आएगी?

योहन पूनावाला पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच अभी चल रही है। यह देखा जाना बाकी है कि क्या आरोपों को साबित किया जाएगा और यदि हाँ, तो पूनावाला को क्या नतीजे भुगतने होंगे। हालाँकि, आरोपों ने उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाया है और SII की सफलता पर छाया डाली है।

यह महत्वपूर्ण है कि सच्चाई सामने आए, चाहे कितनी भी असहज या दमदार क्यों न हो। भ्रष्टाचार एक गंभीर अपराध है, और कानून के शासन को बनाए रखने के लिए सच्चाई का पता लगाना और दोषियों को दंडित करना आवश्यक है।