पिछले सप्ताह, रक्षा मंत्री ने 2024 के लिए भारत के रक्षा बजट की घोषणा की। यह घोषणा एक महत्वपूर्ण कदम है जो भारत की सुरक्षा और वैश्विक शक्ति के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने की देश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
बढ़ता खर्च2024 का रक्षा बजट पिछले साल के बजट से 13% अधिक है, जो 5.94 लाख करोड़ रुपये है। यह वृद्धि भारत की सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने और अपनी सैन्य क्षमताओं को आधुनिक बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
आधुनिकीकरण और स्वदेशीकरण पर ध्यानरक्षा बजट में आधुनिकीकरण और स्वदेशीकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है। निधियों का एक बड़ा हिस्सा स्वदेशी हथियारों और प्रणालियों के विकास और खरीद में उपयोग किया जाएगा। यह कदम भारत की सेना को अधिक आत्मनिर्भर बनाएगा और रक्षा क्षेत्र में घरेलू उद्योग को बढ़ावा देगा।
सीमा सुरक्षा पर जोरबजट में सीमा सुरक्षा पर भी जोर दिया गया है। चीन और पाकिस्तान के साथ भारत की संवेदनशील सीमाओं की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त निधि आवंटित की गई है। इस निवेश से बुनियादी ढांचे के विकास, निगरानी प्रणालियों की स्थापना और सीमावर्ती क्षेत्रों में सैनिकों की तैनाती को मजबूत किया जाएगा।
हिंद महासागर में उपस्थितिभारत हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति और प्रभाव को मजबूत करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। बजट में नौसेना के आधुनिकीकरण और विस्तार के लिए निधि शामिल है। इससे भारत को समुद्री चुनौतियों का सामना करने और क्षेत्र में अपने हितों की रक्षा करने में मदद मिलेगी।
वैश्विक शक्ति के रूप में भारतरक्षा बजट 2024 एक संकेत है कि भारत एक वैश्विक शक्ति के रूप में अपनी भूमिका को गंभीरता से ले रहा है। बढ़ी हुई सैन्य क्षमताएं भारत को क्षेत्रीय और वैश्विक मंच पर अपनी आवाज को और अधिक प्रभावी ढंग से प्रोजेक्ट करने में सक्षम बनाएंगी।
एक शांतिपूर्ण और समृद्ध भविष्यअंततः, रक्षा बजट 2024 का उद्देश्य भारत के लिए एक शांतिपूर्ण और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करना है। मजबूत सशस्त्र बल देश की रक्षा करेंगे और उसके हितों की रक्षा करेंगे, जिससे वाणिज्य, आर्थिक विकास और सामाजिक प्रगति का वातावरण बनेगा।
भारत का रक्षा बजट 2024 एक महत्वपूर्ण कदम है जो देश की सुरक्षा और वैश्विक शक्ति के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। बढ़ी हुई सैन्य क्षमताएं, आधुनिकीकरण पर ध्यान और स्वदेशीकरण के प्रति समर्पण भारत को 21वीं सदी में एक प्रमुख शक्ति के रूप में आगे बढ़ने में सक्षम बनाएगा।