भाई-बहन के पवित्र बंधन का प्रतीक, रक्षा बंधन एक ऐसा उत्सव है जो सभी भारतीयों के हृदय में एक विशेष स्थान रखता है। यह अवसर भाई-बहनों के बीच अटूट प्यार, सुरक्षा और समर्थन को मनाता है।
वर्ष 2024 में, रक्षा बंधन 26 अगस्त, सोमवार को मनाया जाएगा। इस पावन दिन को शुभ और सार्थक बनाने के लिए, यह आवश्यक है कि सही समय यानी मुहूर्त पर राखी बांधी जाए।
यदि आप इन मुहूर्तों के दौरान राखी बांधने में असमर्थ हैं, तो आप अपराह्न काल (दोपहर 12:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक) के दौरान भी राखी बांध सकते हैं। हालाँकि, यह सुनिश्चित करें प्रदोष काल (शाम 6:00 बजे से रात 8:00 बजे तक) में राखी बांधने से बचें, क्योंकि इस अवधि को अशुभ माना जाता है।
रक्षा बंधन न केवल भाई-बहन के बंधन का प्रतीक है, बल्कि यह सुरक्षा और सुरक्षा का भी प्रतीक है। राखी एक धागा है जो बहनें अपने भाइयों की कलाई पर बांधती हैं, जो उनके लिए जीवन भर की सुरक्षा और समर्थन का वादा करती है।
इस अवसर पर, भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी खुशी और समृद्धि की कामना करते हैं। रक्षा बंधन पूरे देश में मिठाइयों, विशेष व्यंजनों और पारिवारिक समारोहों के साथ मनाया जाता है।
रक्षा बंधन की उत्पत्ति के पीछे कई पौराणिक कथाएं हैं। एक लोकप्रिय कथा के अनुसार, द्रौपदी ने युद्ध के मैदान में अपने पति युधिष्ठिर को सुरक्षित रखने के लिए अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़कर उनकी कलाई पर बांधा था। इसी प्रकार, भगवान कृष्ण ने द्रौपदी को एक राखी दी थी, जिसने उनकी रक्षा सीता से की थी, जब उनके पति द्वारा उनका अपहरण कर लिया गया था।
ये कहानियां रक्षा बंधन के पवित्र बंधन में निहित शक्ति और सुरक्षा को उजागर करती हैं। यह एक ऐसा उत्सव है जो हमें याद दिलाता है कि हमारे जीवन में हमारे भाई-बहन हमारे सबसे बड़े रक्षक और समर्थक हैं।
रक्षा बंधन की सदियों पुरानी परंपराएं है। पूरे भारत में विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग रीति-रिवाज हैं। कुछ आम परंपराओं में शामिल हैं:
रक्षा बंधन एक ऐसा त्यौहार है जो सभी भारतीयों को उनके भाई-बहनों के साथ जुड़ने और अपने विशेष बंधन का जश्न मनाने का एक अवसर प्रदान करता है। यह प्यार, सुरक्षा और समर्थन का एक उत्सव है जो हमारे जीवन को समृद्ध बनाता है।
जैसा कि हम रक्षा बंधन 2024 की तैयारी करते हैं, आइए हम इस पावन अवसर को अपने भाई-बहनों के साथ मनाने और हमारे विशेष बंधन को संजोने के लिए उपयोग करें।