रग रग के आम हुये, बवाल मचा बिल्कुल नया-नया




आम को फलों का राजा कहा जाता है। इसकी खुशबू और मीठे रस का अपना ही अलग आनंद है। गर्मियों में तो आम खाना लोगों की आदत में शुमार होता है। यही कारण है कि आम का मौसम भी लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है। लेकिन इस बार आम को लेकर खासा बवाल मचा हुआ है। इसकी वजह है आम की बढ़ती कीमतें। इस बार आम इतना महंगा हो गया है कि लोगों के लिए इसे खरीदना मुश्किल हो रहा है।

अगर आप भी आम के शौकीन हैं और आम की बढ़ती कीमतों से परेशान हैं तो यह खबर आपके लिए है। इस खबर में हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों इस बार आम इतना महंगा हुआ है और क्या इससे आम खाने वालों की दिक्कतें कम हो सकती हैं।

आम के महंगे होने के कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण है कच्चे आम की आवक में कमी। इस साल मौसम की मार के कारण कच्चे आम की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। बारिश और ओलावृष्टि से कई जगहों पर आम के पेड़ गिर गए हैं। इससे कच्चे आम की आवक कम हो गई है और बाजार में कच्चे आम की कीमतें बढ़ गई हैं।

कच्चे आम की कम आवक के अलावा इस बार डीजल और पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी ने भी आम को महंगा कर दिया है। आम की पैदावार से लेकर ट्रांसपोर्टेशन तक हर जगह डीजल और पेट्रोल का इस्तेमाल होता है। डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ने से आम को लाने-ले जाने में ज्यादा खर्च आ रहा है। इससे आम की कीमतों में भी इजाफा हुआ है।

  • मौसम का प्रकोप: इस साल बारिश और ओलावृष्टि ने आम की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है। इससे कच्चे आम की आवक कम हो गई है और बाजार में कच्चे आम की कीमतें बढ़ गई हैं।
  • डीजल और पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि: डीजल और पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी ने भी आम को महंगा कर दिया है। आम की पैदावार से लेकर ट्रांसपोर्टेशन तक हर जगह डीजल और पेट्रोल का इस्तेमाल होता है। डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ने से आम को लाने-ले जाने में ज्यादा खर्च आ रहा है। इससे आम की कीमतों में भी इजाफा हुआ है।
  • मजदूरी की लागत में वृद्धि: आम की पैदावार में मजदूरों की अहम भूमिका होती है। इस साल मजदूरी की लागत में वृद्धि ने भी आम को महंगा कर दिया है। मजदूरों की लागत बढ़ने से आम उत्पादकों को ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है। इससे आम की कीमतों में भी इजाफा हुआ है।

आम के महंगे होने से आम खाने वालों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। आम की कीमतें इतनी बढ़ गई हैं कि लोग अब इसे खरीदने से पहले सोचने लगे हैं। आम के शौकीन लोग अब कम आम ही खा रहे हैं। इससे आम की बिक्री पर भी असर पड़ा है। आम उत्पादकों को भी आम के महंगे होने से नुकसान हो रहा है। आम की कीमतें इतनी बढ़ गई हैं कि कई किसानों को अपना आम फेंकना पड़ रहा है।

सरकार ने आम की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने की कोशिश की है। सरकार ने आम पर आयात शुल्क घटा दिया है। इससे विदेशों से आम सस्ता आयात हो सकेगा। इससे आम की कीमतों में कुछ कमी आने की उम्मीद है।

इसके अलावा सरकार ने आम उत्पादकों को भी राहत देने की घोषणा की है। सरकार ने आम उत्पादकों को सब्सिडी देने की घोषणा की है। इससे आम उत्पादकों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।

आम की बढ़ती कीमतों से आम खाने वालों और आम उत्पादकों दोनों को ही परेशानी हो रही है। सरकार ने आम की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने की कोशिश की है। इससे आम की कीमतों में कुछ कमी आने की उम्मीद है।