'''राज कपूर: हिंदी सिनेमा का शोमैन!'''




राजनिवाला पृथ्वीराज कपूर की नौ संतानों में सबसे छोटे राज कपूर, हिंदी फिल्म जगत में 'शोमैन' कहे जाते थे। उनके चाहनेवाले आज भी उन्हें बॉलीवुड के सर्वश्रेष्ठ कलाकारों में से एक मानते हैं। उन्होंने 92 फिल्मों में अभिनय किया और 59 फिल्मों का निर्देशन किया।

जन्म और प्रारंभिक जीवन

राज कपूर का जन्म 14 दिसंबर, 1924 को पेशावर (अब पाकिस्तान में) में हुआ था। उनके पिता पृथ्वीराज कपूर भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध थिएटर और फिल्म अभिनेता थे। राज कपूर का बचपन बहुत ही गरीबी में बीता। परिवार की माली हालत इतनी खराब थी कि उन्हें कई बार भूखे भी रहना पड़ता था। लेकिन राज कपूर के लिए यह सब दुख-तकलीफें सीखने का मंच बनीं।

फिल्म करियर की शुरुआत

राज कपूर ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत बतौर बाल कलाकार 1935 की फिल्म 'इंसाफ' से की थी। उस वक्त उनकी उम्र महज 11 साल थी। लेकिन उनके अभिनय की चर्चा हर तरफ होने लगी। इसके बाद उन्होंने 'आग', 'हमारी बात', 'नौकर', 'आह' और 'दिल ही तो है' जैसी कई हिट फिल्मों में अपनी भूमिका से दर्शकों का दिल जीता।

आर.के. फिल्म्स की नींव

1948 में राज कपूर ने अपने भाइयों के साथ मिलकर 'आर.के. फिल्म्स' की स्थापना की। इस बैनर तले बनी पहली फिल्म 'आग' थी, जिसका निर्देशन भी राज कपूर ने ही किया था। इसके बाद उन्होंने 'बरसात', 'आवारा', 'श्री 420' और 'जिस देश में गंगा बहती है' जैसी कई ब्लाकबस्टर फिल्मों का निर्माण और निर्देशन किया।

"आवारा" की सफलता

1951 में राज कपूर की फिल्म 'आवारा' रिलीज हुई, जो उस साल की सबसे बड़ी हिट फिल्म साबित हुई। इस फिल्म से राज कपूर को अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली। 'आवारा' का गाना 'आवारा हूं' आज भी लोगों की जुबान पर है। इस फिल्म ने राज कपूर को 'द शोमैन' का खिताब दिलाया।

"मेरा नाम जोकर" की असफलता

1970 में राज कपूर ने अपनी सबसे महत्वाकांक्षी फिल्म 'मेरा नाम जोकर' रिलीज की। इस फिल्म के लिए उन्होंने 10 साल तक काम किया था और फिल्म के निर्माण में 7 करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च कर दिया था। लेकिन फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप हो गई। फिल्म की असफलता ने राज कपूर को कई सालों तक उबरने नहीं दिया।

निजी जीवन

राज कपूर की शादी 1946 में कृष्णा मल्होत्रा से हुई थी। उनके पांच बच्चे हुए - ऋषि कपूर, रणधीर कपूर, राजीव कपूर, रीमा जैन और रितु नंदा। राज कपूर अपनी पत्नी और बच्चों के बहुत करीब थे।

पुरस्कार और सम्मान

राज कपूर को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें पद्म भूषण (1971), दादा साहेब फाल्के पुरस्कार (1987) और सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार (1983) शामिल हैं।

मृत्यु

2 जून, 1988 को दिल का दौरा पड़ने से 63 वर्ष की आयु में राज कपूर का निधन हो गया। उनका निधन भारतीय सिनेमा के लिए एक बड़ी क्षति थी। आज भी लोग उन्हें उनके अविस्मरणीय अभिनय और फिल्मों के लिए याद करते हैं।