तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले के एक छोटे से गाँव कुप्पम में जन्मे रथनम का जीवन बचपन से ही संघर्षों से भरा रहा। उनके पिता एक किसान थे और उनकी माँ एक गृहिणी थीं। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी और उन्हें अक्सर भोजन और कपड़ों के लिए संघर्ष करना पड़ता था।
रथनम पढ़ाई में बहुत अच्छे थे, लेकिन उन्हें अक्सर स्कूल छोड़कर अपने परिवार की मदद करनी पड़ती थी। फिर भी, उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और कड़ी मेहनत और लगन से उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।
स्नातक होने के बाद, रथनम को एक निजी कंपनी में नौकरी मिल गई। उन्होंने कई वर्षों तक कंपनी में काम किया और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार लाया।
हालांकि, रथनम अपने जीवन से संतुष्ट नहीं थे। वह हमेशा कुछ अलग करने की लालसा रखते थे। उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने का फैसला किया।
रथनम ने कपड़ों का एक छोटा सा व्यवसाय शुरू किया। उन्होंने अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत और समर्पण किया। धीरे-धीरे, उनका व्यवसाय बढ़ता गया और वह एक सफल उद्यमी बन गए।
रथनम का जीवन संघर्षों और सफलता की कहानी है। उन्होंने कभी भी अपनी परिस्थितियों के आगे हार नहीं मानी और हमेशा अपने सपनों को पूरा करने का प्रयास किया। आज, वे एक सफल उद्यमी हैं और अपने परिवार और समुदाय के लिए एक प्रेरणा हैं।
रथनम की कहानी हमें सिखाती है कि हमेशा अपने सपनों का पीछा करना चाहिए, चाहे कितनी भी बाधाएँ क्यों न हों। जीवन में कठिनाइयाँ आएंगी, लेकिन हमें कभी भी हार नहीं माननी चाहिए। हमें हमेशा प्रेरित रहना चाहिए और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
रथनम की सफलता के लिए कुछ टिप्स:
रथनम के बारे में कुछ दिलचस्प बातें: