जब वह कॉलेज में थीं, तब राधिका एक एनजीओ में शामिल हुईं। वहां काम करते हुए, उन्हें करीब से यह देखने का मौका मिला कि कैसे गरीबी और भेदभाव लोगों के जीवन को बर्बाद कर सकते हैं। यहीं से उन्हें महिला सशक्तिकरण के लिए काम करने की प्रेरणा मिली।
2005 में, राधिका ने "लिव फ्री" नामक एक गैर-लाभकारी संगठन की स्थापना की। इस संगठन का उद्देश्य लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर प्रदान करना था।
"लिव फ्री" ने जल्द ही महिलाओं के जीवन में बदलाव लाना शुरू कर दिया। राधिका और उनकी टीम ने हजारों लड़कियों को स्कूल भेजने में मदद की, महिलाओं को व्यवसाय शुरू करने में प्रशिक्षित किया और उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान की।राधिका के काम को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है। उन्हें कई पुरस्कार मिले हैं, जिनमें नारी शक्ति पुरस्कार और रेमन मैग्सेसे पुरस्कार शामिल हैं। उन्हें दुनिया के सबसे प्रभावशाली लोगों में से एक के रूप में भी चुना गया है।
राधिका खेरा की यात्रा वास्तव में प्रेरणादायक है। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि दृढ़ संकल्प और समर्पण से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। वह महिलाओं के अधिकारों के लिए एक प्रेरक शक्ति हैं और भारत में सामाजिक परिवर्तन की वकील हैं।